सन 1956 में जब मध्य प्रांत से विदर्भ को अलग करके मध्य प्रदेश राज्य का गठन किया गया था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मध्य प्रदेश की राजधानी को चार शहरों में विभाजित कर दिया था। जबलपुर को न्यायिक राजधानी, ग्वालियर को राजस्व राजधानी, इंदौर को व्यापारिक राजधानी और भोपाल को राजनीतिक राजधानी बनाया गया था। इसके पूरे 68 साल बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मध्य प्रदेश राज्य की पांचवी राजधानी की स्थापना कर दी है। सरकारी राजपत्र में इसका प्रकाशन भी हो चुका है। दिनांक 1 जुलाई 2024 से मध्य प्रदेश में पांच राजधानी हैं।
सबसे पहले मध्य प्रदेश की राजधानियों के गणित समझते हैं
अंग्रेजों ने अपने रिकार्ड को दुरुस्त और इतिहास को याद रखने के लिए राज्यों का गठन अपनी सुविधा के अनुसार किया था। सेन्ट्रल प्रोविंस एंड बेरार, उस राज्य का नाम था, जो मराठाओं और मुगलों के हमलों का शिकार हुआ था। इस प्रांत की राजधानी नागपुर थी। बाद में भाषा के आधार पर विभाजन हुआ और नागपुर एवं विदर्भ बॉम्बे स्टेट को दे दिया गया। (इस समाचार को पढ़ने के बाद यहां क्लिक करके पूरी कहानी पढ़ सकते हैं।) अब मध्य प्रदेश को नई राजधानी की जरूरत थी। इस इलाके में जबलपुर सबसे संपन्न और समृद्ध शहर था। सभी चाहते थे कि जबलपुर को मध्य प्रदेश की राजधानी बनाया जाए परंतु राजनीति के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया और 4 शहरों को मध्य प्रदेश की राजधानी बनाया गया।
भोपाल राजनीतिक राजधानी - यहां पर विधानसभा है, मंत्रालय है और सभी प्रकार के राजनीतिक फैसले होते हैं।
इंदौर व्यापारिक राजधानी - यहां पर टैक्स डिपार्टमेंट, लेबर डिपार्टमेंट और व्यापार से जुड़े हुए सभी विभागों के स्टेट हेडक्वार्टर हैं।
जबलपुर न्यायिक राजधानी - यहां पर मध्य प्रदेश का हाई कोर्ट है और 1956 की व्यवस्था के कारण ही भोपाल में हाईकोर्ट की बेंच नहीं है।
ग्वालियर राजस्व राजधानी - यहां पर रिवेन्यू डिपार्मेंट और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के स्टेट हेडक्वार्टर हैं। मध्य प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों का रिकॉर्ड भी यहीं पर रहता है।
ऐसा केवल मध्य प्रदेश में नहीं है बल्कि दक्षिण भारत के कई राज्यों में भी है। कुछ सालों पहले तक अपनी सुविधा के अनुसार शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन राजधानी भी बनाई जाती थी। कुल मिलाकर जिस शहर में किसी डिपार्टमेंट का स्टेट हेडक्वार्टर होता है। उस डिपार्टमेंट के लिए वहीं शहर उसकी राजधानी हो जाता है।
मध्य प्रदेश की पांचवी राजधानी कौन सी है
मध्य प्रदेश राजपत्र दिनांक 1 जुलाई 2024 क्रमांक 166 के अनुसार धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मध्यप्रदेश तथा संचालक मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना कार्यालय को सतपुड़ा भवन भोपाल से उज्जैन ट्रांसफर कर दिया गया है। इस प्रकार धार्मिक मामलों से जुड़े विभाग यानी मध्य प्रदेश स्पिरिचुअल डिपार्मेंट भोपाल से उज्जैन शिफ्ट कर दिए गए हैं, और उपरोक्त सिद्धांत के अनुसार उज्जैन शहर मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी बन गया है। सरकारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार उज्जैन शहर मध्य प्रदेश की पांचवी राजधानी है। गजट नोटिफिकेशन की कॉपी इस समाचार में संलग्न है।
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