15 अगस्त सन 1947 को भारत में इंसानों को तो आजादी मिल गई परंतु जानवरों को आज तक स्वतंत्रता नहीं मिली है। अंग्रेजों ने अपने फायदे के लिए भोपाल, सीहोर और होशंगाबाद के आसपास स्थित जानवरों के जंगल में रेल की पटरी बिछा दी थी। वह आज भी बिछी हुई है और उस पर गुजरने वाली ट्रेन जानवरों की हत्या करते हुए निकलती है। सोमवार की सुबह इंसानों की एक ट्रेन ने जंगल के राजा टाइगर को टक्कर मार दी। वह अपने बच्चों को अपना राजपाट दिखा रहा था। टाइगर की मौत हो गई जबकि उसके दोनों शावक गंभीर रूप से घायल है।
यह जंगल हजारों साल से जानवरों की संपत्ति है
घटना सोमवार दिनांक 15 जुलाई 2024 सुबह 11:00 से 12:00 बजे के बीच की है। जंगल के राजा टाइगर अपने दोनों शावकों को जंगल दिखाने के लिए निकले थे। यह जंगल हजारों साल से जानवरों की संपत्ति है। करीब डेढ़ सौ साल पहले अंग्रेजी इंसानों ने यहां पर रेल की पटरी बना दी थी। जंगल के इस हिस्से को मध्य प्रदेश की सरकार सीहोर जिले में अपनी संपत्ति दर्शाती है। इसी जंगल में बुधनी के मिडघाट रेलवे ट्रैक के खंभा नंबर 800/18 के पास इंसानों की ट्रेन में जंगल के राजा को टक्कर मार दी। टाइगर की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि उसके दोनों शावक गंभीर रूप से घायल है।
डिप्टी डायरेक्टर वन विहार भोपाल एहसान जता रहे हैं
एसके सिन्हा, डिप्टी डायरेक्टर वन विहार भोपाल ने जानवरों पर एहसान जताते हुए कहा कि, वन विहार के वाइल्ड लाइफ डॉक्टर्स और रेस्क्यू टीम मौके पर भेजी गई हैं। दोनों बच्चों की जान बचाने की कोशिश की जा रही है। यह बिल्कुल ऐसा ही है जैसे अंग्रेजी सेना का एक अधिकारी, किसी राजा को उसके राजकुमारों सहित ट्रेन से कुचल दे और फिर इस अंग्रेजी राज्य के डॉक्टर गंभीर रूप से घायल राजकुमारों का इलाज करते हुए कहीं की वह मानवता की सेवा कर रहे हैं।
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