मध्य प्रदेश में कलेक्टर्स को दो नई पावर मिली, वन विभाग वालों के लिए बड़ी खबर - MP NEWS

मध्य प्रदेश शासन व्यवस्था में जिले के कलेक्टरों के पास पहले से ही बहुत सारी पावर थी, आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कलेक्टरों को दो नई पावर दे दी है। इसमें सबसे बड़ी पावर है कि, फॉरेस्ट डिपार्मेंट अब ऑलमोस्ट कलेक्टर के कंट्रोल में आ गया है। दूसरी- गोवंश का परिवहन करने वाले वाहनों को राजसात करने का अधिकार मिल गया है। 

MP NEWS - 1 जुलाई से DFO की ACR में कलेक्टर की टिप्पणी अनिवार्य

मध्य प्रदेश शासन के जनसंपर्क संचालनालय द्वारा बताया गया है कि, मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली (एसीआर) के लिए एक नई प्रणाली लागू की है। नई प्रणाली में DFO की ACR पर कलेक्टर की टिप्पणियों को शामिल कर इसका उपाय किया गया है। इसकी आवश्यकता बताते हुए, लिखा गया है कि, जिला स्तर पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, वन प्रबंधन, भूमि अधिग्रहण और माइनिंग उद्योगों में वन और प्रशासन दोनों विभागों की महती आवश्यकता होती है। वर्तमान  व्यवस्था में भी वन प्रबंधन और इससे जुड़े मामलों में जिला कलेक्टर का रोल सर्वथा महत्वपूर्ण होता है और कलेक्टर के अभिमत पर ही प्रस्ताव पास किए जाते हैं। 

वरिष्ठ IFS अधिकारी भी प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव के कंट्रोल में

इसी तरह, वरिष्ठ IFS अधिकारियों की एसीआर अब विभाग के अतिरिक्त, मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी। पहले, DFO (जिला वन अधिकारी) के लिए ACR प्रक्रिया में जिला कलेक्टरों की टिप्पणी नहीं होती थी, जिससे कभी-कभी इन दो प्रमुख जिला स्तरीय प्राधिकरणों के बीच समन्वय में कमी देखी गई थी। समीक्षा की यह अतिरिक्त परत व्यापक स्तर पर शासन और विभागीय दोनों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारी के प्रदर्शन का अधिक व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित करेगी।

ताकि कलेक्टर के काम में अड़ंगा ना लगे

आईएफएस अधिकारी की एसीआर लिखने की मुख्य जिम्मेदारी अभी भी आईएफएस अधिकारियों के पास ही रहेगी। कलेक्टर और विभागीय वरिष्ठों की टिप्पणियां जिला और राज्य स्तरीय लक्ष्यों के व्यापक संदर्भ में अधिकारी के प्रदर्शन के बारे में जानकारी प्रदान करेंगी। इसका उद्देश्य वन प्रबंधन से जुड़े मसलों में सहयोग और पारदर्शिता पर फोकस करना है। 

मध्य प्रदेश में गोवंश परिवहन करने वाले वाहन को राजसात करने का अधिकार

कैबिनेट की बैठक में सोमवार को गोवंश परिवहन करने वालों पर कार्रवाई के अधिकार कलेक्टरों को दिए गए। जिस तरह आबकारी और माइनिंग में अवैध परिवहन करने पर कलेक्टरों को वाहन राजसात करने का अधिकार है, उसी तरह कलेक्टर गोवंश परिवहन करने वाले वाहन को राजसात कर सकते हैं। 

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