एक महिला शिक्षक द्वारा एक डॉक्टर के खिलाफ दर्ज करवाया गया बलात्कार का मामला जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में खारिज हो गया। महिला शिक्षा का कहना था कि डॉक्टर ने शादी का वादा करके 10 साल तक उसके साथ फिजिकल रिलेशन बनाएं और फिर ब्रेकअप कर लिया। हाई कोर्ट ने कहा कि झूठा वादा करना और वादा तोड़ देना, दोनों में अंतर है।
बचपन का प्यार - 10 साल तक फिजिकल रिलेशन में रहे
मामला कटनी जिले का है। 2021 में 34 साल की टीचर ने 35 साल के डॉक्टर दोस्त पर रेप केस कराया था। टीचर ने अपनी शिकायत में कहा था, '2010 से हम हाईस्कूल से एक-दूसरे को जानते हैं। 2020 तक रिलेशन में रहे। आरोपी ने प्रपोज करते हुए वादा किया था कि वह शादी करेगा। बाद में मना कर दिया। पिता को इसकी जानकारी लगी, इसके बाद केस कराया।' मामला कटनी के सेशन कोर्ट में पहुंचा। यहां से जमानत मिली हुई थी। कोर्ट में ट्रायल के दौरान आरोपी डॉक्टर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।
झूठा वादा करना और वादा तोड़ना, दोनों में अंतर है: हाई कोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा, 'शादी का झूठा वादा और शादी करने का वास्तविक वादा तोड़ने के बीच अंतर है। बेशक, ऐसी परिस्थितियां हो सकती हैं, जब नेक इरादे वाला व्यक्ति विभिन्न अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण पीड़िता से शादी करने में असमर्थ हो। ऐसे मामलों में कोई महिला यह दावा नहीं कर सकती कि जब उसने शारीरिक संबंध बनाया तो वह तथ्यों को लेकर गलत धारणा में थी।' याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट मनीष दत्त और ईशान दत्त कोर्ट में उपस्थित हुए।
10 साल तक सच्चा और झूठा प्यार पता नहीं चला?
शनिवार को जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट ने कहा, '2010 में जब पहली बार संबंध बने थे, उस समय शिकायत करने का कारण था। 2020 तक यह रिश्ता जारी रहा और इसकी शिकायत 10 साल तक युवती ने नहीं की। विश्वास करना मुश्किल है कि 10 साल तक शादी के झूठे वादे पर शारीरिक संबंध जारी रखा गया था।'
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