मध्य प्रदेश के उज्जैन में भ्रष्टाचार का नेक्स्ट लेवल सामने आया है। यहां अधिकारियों ने कागजों पर 2 करोड रुपए की सड़क बना दी और अब इसका मेंटेनेंस भी कर रहे हैं। मेंटेनेंस पर अब तक 75 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। यह धनराशि अभी और बढ़ेगी क्योंकि सरकार ने अब तक इसको भ्रष्टाचार नहीं माना है। जब तक जांच पूरी होगी तब तक इसे सड़क ही माना जाएगा।
25 से ज्यादा शिकायत हो गई, कोई जांच करने को तैयार नहीं
उज्जैन के तराना ब्लॉक में इस योजना में दो सड़कें जवासिया से बेलारी और जवासिया से बोरदा धाकड़ के प्रस्ताव को 2009 में स्वीकृति मिली। PMGSY के रिकॉर्ड में दर्द है कि 2014 में दोनों सड़क बनाकर तैयार हो गई थी, लेकिन मौके पर दोनों जगह सिर्फ झाड़ियां है। चौंकाने वाली बात यह है कि 2020 से दोनों सड़कों के मेंटनेंस पर 75 लाख रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जो हुआ से हुआ लेकिन सड़क तो बना दो। 25 से अधिक बार शिकायत कर चुके हैं, पर अफसर बताते हैं कि रिकॉर्ड में यह रोड बनी हुई है। तराना ब्लॉक में एमपीआरडीसी उपयंत्री अंबर गुप्ता के अनुसार, हमारे सिस्टम में सड़कें बनी हुई हैं।
जवासिया से बेलारी सड़क मार्ग
- निर्माण कार्य 2010 से 2014 तक।
- लंबाई-2.38 किमी,
- लागत 87.77 लाख रु.
- साल 2020 में मेंटेनेंस का टेंडर निकला। इस पर 42.17 लाख रु. खर्च।
आसेर जवासिया रोड से बोरदा धाकड़
- निर्माण कार्य 2010 से 2014 तक।
- लंबाई-4.31 किमी,
- लागत 1.20 करोड़ रु.।
- साल 2020 में मेंटेनेंस का टेंडर निकला। इस पर 33.99 लाख रु. खर्च।
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