मध्यप्रदेश में लोक सेवा आयोग इंदौर और कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा आयोजित परीक्षाओं के बाद अब अग्नि वीर भर्ती परीक्षा में भी विवाद आ गया है। लगभग 50 उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी और हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि 15 दिन के भीतर चयनित किए गए उम्मीदवारों के प्राप्तांक सार्वजनिक करें।
रिजल्ट में सिर्फ चयनित उम्मीदवारों के रोल नंबर जारी किए, प्राप्तांक नहीं बताए
याचिकाकर्ता, सतना निवासी अमन द्विवेदी और रीवा, सीधी व अन्य जिलों के निवासी अभ्यर्थियों की ओर से दलील दी गई कि उन्होंने सितंबर, 2022 में अग्निवीर भर्ती रैली में भाग लिया और उसके बाद नवंबर, 2022 में आयोजित लिखित परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन किया। परिणाम 26 नवंबर, 2022 को घोषित किए गए, जिसमें महज चयनित उम्मीदवारों के रोल नंबर दिखाए गए। उनके नाम या प्राप्त अंकों का उल्लेख नहीं किया गया।
RTI के तहत भी जानकारी नहीं दी
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनको जानकारी है कि कई चयनित उम्मीदवारों ने उनसे कम अंक प्राप्त किए थे फिर भी उनका चयन कर लिया गया। अभ्यर्थियों ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो पूरी चयन प्रक्रिया के बजाय सिर्फ याचिकाकर्ताओं को केवल कट-आफ नंबर और उनके (आरटीआई आवेदन लगाने वाले के) स्वयं के प्राप्तांक की जानकारी ही दी गई। लगभग 50 चयनित उम्मीदवारों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने कहा कि किसी भी सार्वजनिक परीक्षा में प्राप्त अंक व्यक्तिगत जानकारी के अंतर्गत नहीं आते, लिहाजा प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने प्रतिस्पर्धियों के अंकों की जानकारी प्राप्त करने का पूरा अधिकार है। यह जानकारी देने के लिए हाई कोर्ट ने सेना के अधिकारियों को 15 दिन की मोहलत दी है।
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