तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, हर तारीख पर तारीख मिलती है साहब न्याय नहीं मिलता। यह डायलॉग तो आपने सुना ही होगा। मध्य प्रदेश में बिल्कुल ऐसा ही हो रहा है। मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में संविदा नियुक्ति घोटाला हुआ है। स्पष्ट दिखाई दे रहा है और प्रमाणित भी हो चुका है परंतु इसके बाद भी जांच पर जांच, जांच पर जांच करवाई जा रही है। प्रहलाद पटेल से उम्मीद थी कि वह कार्रवाई करेंगे परंतु उन्होंने भी जांच बिठा दी। उनका कहना है कि, जिन अधिकारियों पर दाग लगे हैं, उनको भी तो अपने बचाव का मौका दिया जाना चाहिए।
3-3 IAS अधिकारी जांच कर चुके हैं, फिर भी चौथी जांच
मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Madhya Pradesh State Rural Livelihood Mission) में 9 साल पहले संविदा नियुक्ति घोटाला हुआ था। इस घोटाले की तीन बार जांच हो चुकी है। तीनों बार भारतीय प्रशासनिक सेवा की अफसर द्वारा जांच की गई है। इसके बावजूद पंचायत मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने चौथी बार जांच के आदेश जारी कर दी। इस बार, पंचायत राज के आयुक्त मनोज पुष्प और मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद के सीईओ एस. कृष्ण चैतन्य को जांच अधिकारी बनाया गया है। एमपी-एसआरएलएम भोपाल में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने वर्ष 2015 में भर्ती की थी। इसी में से राज्य स्तरीय नियुक्तियों को लेकर शिकायतें हुई थी कि ये कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर संविदा नियमों के विपरीत की गई हैं।
मंत्री महेंद्र सिसोदिया हो या प्रहलाद पटेल, नोट शीट एक जैसी है
इसकी पहली जांच मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद की तत्कालीन सीईओ आईएएस नेहा मारव्या ने की थी। उसके बाद इसी जांच की पुष्टि तत्कालीन प्रमुख सचिव पंचायत उमाकांत उमराव और फिर वर्तमान अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने भी कर दी। इनमें माना कि संबंधित अधिकारियों को सुनवाई का पूरा समय दिया और जांच प्रतिवेदन सही है। तीनों जांच के बाद अब विभागीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने यह लिखते हुए चौथी जांच के आदेश दिए हैं कि उनको (फर्जीवाड़े के आरोपी अफसर) भी सुना जाना चाहिए, क्योंकि यही नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत से महत्वपूर्ण है। खास बात यह है कि पहली जांच के बाद ठीक ऐसी ही लाइनें पूर्व पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने भी फर्जी नियुक्ति देने व पाने वालों के लिए लिखी थी, जिसके बाद जांच के घेरे में आ रहे अफसरों ने भी अपना पक्ष रखा था।
MP SRLM SCAM की जांच रिपोर्ट में क्या लिखा है
मप्र राज्य रोजगार गारंटी की तत्कालीन सीईओ नेहा मारव्या ने 8 जून 2022 को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने लिखा है कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भोपाल द्वारा संविदा नीति का पालन नहीं किया गया। तत्कालीन एसआरएलएम सीईओ ललित मोहन बेलवाल और तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी विकास अवस्थी ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर सुषमा रानी शुक्ला को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायत राज (एनआईआरडी) हैदराबाद भेजा था। एसआरएलएम की कर्मचारी होने के बाद भी उन्हें एनआईआरडी हैदराबाद में काम करने की अनुमति दी गई। इसी प्रकार राज्य परियोजना प्रबंधक के पद पर नियुक्ति के लिए एनआईआरडी से चोरी किए गए लैटरहेड पर वहां के डायरेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर करके नौकरी हासिल की गई। अनुभव प्रमाण पत्र और शैक्षणिक दस्तावेज भी गलत लगाए गए।
दूसरी जांच रिपोर्ट में क्या लिखा है
मामला पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव के सामने गया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि जांच अधिकारी ने ललित मोहन बेलवाल को उनका पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया, लेकिन वे नहीं आए। रिपोर्ट से साफ लगता है कि गड़बड़ी की जानकारी उन्हें थी। इसके बाद मामला विभागीय मंत्री को और फिर मुख्यमंत्री समन्वय में चला गया।
मुख्यमंत्री समन्वय भी जांच पर जांच के पक्ष में
विभाग के वर्तमान अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने नवंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट में लिखा कि जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री समन्वय और मुख्य सचिव से चर्चा के बाद पुन: विभाग को वापिस की गई है। जांचकर्ता अधिकारी के जांच प्रतिवदेन में प्रस्तुत तथ्य व दस्तावेजों से प्रतीत होता है कि नियुक्ति संबंधी जांच प्रतिवेदन सही है। इसके बाद यह फाइल विभागीय मंत्री को भेज दी गई।
मनोज पुष्प, आयुक्त, पंचायती राज - चौथी जांच कब पूरी होगी
हां, अभी उस मामले की जांच की जा रही है और इसे पूरा होने में समय लगेगा। जांच के बारे में फिलहाल कुछ और बताना संभव नहीं है। मनोज पुष्प, आयुक्त, पंचायती राज विनम्र अनुरोध 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें।