PhonePe की आरक्षण के खिलाफ जंग, Boycott और Support का सिलसिला शुरू

Online payment app PhonePe के सीईओ की एक अभिव्यक्ति कर्नाटक सरकार के लिए सरदर्द बन गई। सरकार को लागू किया गया 100% आरक्षण का फैसला वापस लेना पड़ा। अब सोशल मीडिया पर PhonePe के इस कदम का विरोध और स्वागत दोनों किया जा रहे हैं। Boycott और Support का सिलसिला शुरू हो गया है। 

PhonePe vs कर्नाटक सरकार आरक्षण विवाद क्या है 

कर्नाटक सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में 100% आरक्षण लागू कर दिया था। इसका विरोध करते हुए PhonePe कंपनी के सीईओ Sameer Nigam ने समय 8:48 PM, दिनांक Jul 17, 2024 को X पर एक पोस्ट पब्लिश की। इसमें लिखा है, I am 46 years old. Never lived in a state for 15+ yrs My father worked in the Indian Navy. Got posted all over the country. His kids don't deserve jobs in Karnataka? I build companies. Have created 25000+ jobs across India! My kids dont deserve jobs in their home city? Shame.

PhonePe CEO Sameer Nigam की अभिव्यक्ति का हिंदी अनुवाद

मेरी उम्र 46 साल है। 15 साल से ज़्यादा समय तक मैं किसी राज्य में नहीं रहा, मेरे पिता भारतीय नौसेना में काम करते थे। पूरे देश में उनकी पोस्टिंग हुई। उनके बच्चे कर्नाटक में नौकरी के लायक नहीं हैं? मैं कंपनियाँ बनाता हूँ। पूरे भारत में 25000 से ज़्यादा नौकरियाँ पैदा की हैं! मेरे बच्चे अपने गृह नगर में नौकरी के लायक नहीं हैं? शर्म की बात है। (उल्लेख अनिवार्य है कि श्री समीर निगम कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु शहर में रहते हैं और यहीं पर PhonePe का हेड क्वार्टर है)। 

PhonePe Boycott और Support क्यों और कौन

बेंगलुरु में सिर्फ PhonePe का ऑफिस नहीं है बल्कि सैकड़ो MNC के बहुत बड़े ऑफिस हैं। इन कंपनियों के कारण ही बेंगलुरु की अंतरराष्ट्रीय पहचान बनी है और कर्नाटक सरकार को इससे बड़ा फायदा होता है। इन सभी कंपनियों में देश-विदेश के लोग काम करते हैं। 100% लोकल रिजर्वेशन के फैसले से सभी कंपनियों का कामकाज प्रभावित होगा। इसलिए सभी ने PhonePe CEO के बयान का समर्थन किया और सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा। 

#BoycottPhonePe कौन कर रहे हैं

अब वह लोग जो योग्यता नहीं बल्कि आरक्षण के माध्यम से अपना जीवन संवारना चाहते हैं, PhonePe से नाराज हैं और सोशल मीडिया पर #BoycottPhonePe ट्रेंड करने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें से कुछ लोग Uninstall PhonePe स्क्रीनशॉट भी दिख रहे हैं परंतु कुछ लोग सिर्फ #BoycottPhonePe लिखकर कुछ भी पोस्ट कर रही है। 

#SupportPhonePe कौन कर रहे हैं

दूसरी तरफ केवल कर्नाटक ही नहीं बल्कि देश भर में #SupportPhonePe के साथ लोग जाति और स्थान के आधार पर आरक्षण का विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि, समीर निगम में जो किया बिल्कुल सही किया। यदि वहां कोई Uninstall करेगा तो हम यहां पर Download करेंगे। देश में आरक्षण केवल आर्थिक आधार पर होना चाहिए। सिर्फ गरीब नागरिकों को ही सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण का अधिकार है। प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण नहीं होना चाहिए। 

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