भगवान शिव को समर्पित भारतीय पंचांग का पांचवा महीना श्रावण मास का प्रारंभ दिनांक 22 जुलाई 2024 को, दिन सोमवार से हो रहा है। यह बेहद ही शुभ संयोग है। भगवान श्री हरि विष्णु ने सृष्टि का संचालन महादेव को सौंप दिया है। इसलिए श्रावण मास में पूरी प्रकृति भगवान शिव की पूजा करती है। भारतीय मानता है कि, सोमवार के दिन विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने पर सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
सावन सोमवार की पूजन सामग्री- SAWAN MONDAY KI POOJA SAMGRI LIST
सावन के सोमवार को भगवान शिव का पूजन कर रहे हैं तो पूजन सामग्री में
- कच्चा दूध,
- गंगाजल,
- बेलपत्र,
- काले तिल,
- धतूरा,
- मिठाई,
आदि शामिल करें।
सावन सोमवार की पूजन विधि
सावन के सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और फिर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करें। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। जलाभिषेक के दौरान गंगाजल और दूध का प्रयोग अवश्य करें। साथ ही शहद और शक्कर भी चढ़ाएं। फिर बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं। भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा प्रिय हैं, इसलिए पूजा करते समय इन्हें अर्पित करना ना भूलें। फिर घी का दीपक जलाएं और भगवान भोलेनाथ की अराधना करें। पूजा करते समय ‘ऊँ नमः शिवाय’ का जाप करते रहें।
शिव रूद्राष्टकम
नमामीशमिशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद: स्वरुपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाश मकाशवासं भजेऽहम् ॥
निराकामोंकारमूलं तुरीयं गिरा ध्यान गोतीतमीशं गिरिशम ।
करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोअहम ॥
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा लासद्भाल बालेन्दु कंठे भुजंगा ॥
चलत्कुण्डलं शुभ नेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकंठ दयालम ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
प्रचण्डं प्रकष्ठं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम ॥
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सच्चीनान्द दाता पुरारी ।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
न जानामि योगं जपं पूजा न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
रुद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषा शंभो प्रसीदति ॥
॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥
विनम्र निवेदन:🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में religious पर क्लिक करें।