भारत में अब तक 4400 से ज्यादा लोगों की पहचान हो चुकी है जिनके पास WhatsApp पर ट्रैफिक पुलिस का चालान आया था। जैसे ही उन्होंने अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की, उनका मोबाइल फोन हैक हो गया और उनके बैंक अकाउंट से मनी ट्रांजैक्शन हो गया। पीड़ित नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
सबसे पहले कर्नाटक राज्य के लोगों को शिकार बनाया
CloudSEK द्वारा इसका खुलासा किया गया है। बताया है कि साइबर अपराधियों ने भारत के ऐसे एंड्रॉयड फोन यूजर्स को टारगेट किया है जिनके मोबाइल फोन में व्हाट्सएप और पेमेंट एप अथवा उनके बैंक का मोबाइल एप इंस्टॉल है। लोगों को व्हाट्सएप पर एक मैसेज मिल रहा है जो ट्रैफिक पुलिस अथवा ट्रैफिक डिपार्टमेंट के जैसा दिखाई देता है। वीडियो की सबसे ज्यादा संख्या कर्नाटक राज्य में है। उनके पास कर्नाटक पुलिस की तरह दिखाई देने वाला संदेश प्राप्त हुआ।
आपको बेफिक्र करने के बाद शिकार बनाते हैं
मैसेज में बताया गया था कि उन्होंने यातायात के नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें फाइन भरना होगा। अधिक जानकारी के लिए एवं फाइन भरने के लिए एक एंड्राइड ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा गया। लोगों ने जैसे ही उसे मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड किया। व्हाट्सएप में से वह मैसेज गायब हो गया और डाउनलोड किया गया मोबाइल एप्लीकेशन भी दिखाई नहीं दिया। इसके कारण लोग बेफिक्र हो गए परंतु कुछ समय बाद उनके बैंक अकाउंट से या तो कोई गिफ्ट कार्ड खरीद लिया गया, कहीं कोई शॉपिंग हो गई या फिर कोई मनी ट्रांजैक्शन हो गया।
अपराधियों का शिकार होने से बचना है तो, ध्यान से पढ़िए
तकनीकी विशेषज्ञ का कहना है कि यह मोबाइल एप्लीकेशन खुद को छुपा लेती है। आपके मोबाइल की स्क्रीन पर दिखाई नहीं देती। इसके बाद यह मोबाइल एप्लीकेशन आपके स्मार्टफोन की सभी गतिविधियों की जानकारी साइबर अपराधियों के गिरोह के पास भेजना शुरू कर देती है। आपकी फोन बुक में जितने भी लोगों के कांटेक्ट नंबर दर्ज हैं। उन सब को शिकार बनाने के लिए उनके व्हाट्सएप पर भी मैसेज भेजे जाते हैं। इधर आपके स्मार्टफोन से आपको प्राप्त हुए मैसेज, आपके द्वारा भेजे गए मैसेज, आपके स्मार्टफोन में सेव किए गए फोटोग्राफ और वीडियो सब कुछ अपराधियों के पास पहुंच जाता है।
सिर्फ इतना ही नहीं जैसे ही आप अपने स्मार्टफोन में पेमेंट एप का उपयोग करते हैं अथवा अपने बैंक की मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करते हैं। उनके पास आपका पासवर्ड भी पहुंच जाता है। आपके स्मार्टफोन का नियंत्रण उनके पास होता है। आपकी पुरानी एक्टिविटी से उन्हें पता चल जाता है कि, 24 घंटे में ऐसा कौन सा समय है जब आप अपने मोबाइल फोन को ऑपरेट नहीं करते हैं जबकि उसका इंटरनेट डाटा ऑन होता है। ठीक उसी समय पर अपराधी आपके स्मार्टफोन को ऑपरेट करना शुरू करते हैं। साइबर अपराधी आपके स्मार्टफोन से कुछ भी कर सकते हैं। किसी भी देश में कॉल कर सकते हैं। किसी को भी मैसेज कर सकते हैं। जरा सोचिए यदि किसी अंतरराष्ट्रीय गंभीर अपराध में आपके स्मार्टफोन का उपयोग हो गया तो पुलिस इन्वेस्टिगेशन में आप खुद को निर्दोष कैसे साबित कर पाएंगे।
बचने के लिए क्या करें
व्हाट्सएप पर ऐसे किसी भी मैसेज को ओपन ना करें जो किसी अज्ञात व्यक्ति अथवा संस्थान द्वारा भेजा गया हो। यदि किसी सरकारी एजेंसी से आपको व्हाट्सएप पर कोई मैसेज प्राप्त होता है (जैसे कर्नाटक में ट्रैफिक पुलिस की ओर से चालान प्राप्त हुआ।) तो सबसे पहले अपने स्मार्टफोन का इंटरनेट बंद करें और फिर उसे मैसेज को ओपन करके देखें परंतु यदि कोई लिंक दी गई है अथवा किसी मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड करने का निर्देश दिया गया है तो मैसेज में उपलब्ध लिंक का उपयोग बिलकुल नहीं करें। पहले अपने स्तर पर पता करें और कोई भी मोबाइल एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर अथवा एप्पल एप स्टोर से ही डाउनलोड करें।
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