मध्य प्रदेश के रीवा जिले की कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल (आईएएस) ने सिर्फ एक दिन में 10 शिक्षकों का ब्रेन ट्यूमर ठीक कर दिया है। इन सभी शिक्षकों को लंबे समय से ब्रेन ट्यूमर था। प्रतिभा पाल ने 29 अगस्त को कुछ ऐसा किया कि, 30 अगस्त को सभी शिक्षक दौड़-दौड़ कर सबको बता रहे हैं कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर नहीं है।
एजुकेशन पोर्टल को मिसगाइड करने के लिए डाटा एंट्री की गई
मामला सरप्लस टीचर्स की पोस्टिंग का है। रीवा जिले में एक स्कूल है जिसका नाम है, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदराव जिला रीवा। इस स्कूल में टोटल 557 स्टूडेंट्स हैं और उनको पढ़ाने के लिए 34 शिक्षक पदस्थ हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 60 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होना चाहिए यानी इस स्कूल में 24 शिक्षक अतिशेष हैं। इनका युक्तियुक्तकरण किया जाना चाहिए। यानी किसी ऐसे स्कूलों में भी ट्रांसफर कर देना चाहिए जहां पर शिक्षकों की कमी है। मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति 2022 में प्रावधान किया गया है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। इसी का लाभ उठाने के लिए एजुकेशन पोर्टल पर 10 शिक्षकों ने खुद को ब्रेन ट्यूमर का मरीज घोषित कर दिया। ताकि जब भी सॉफ्टवेयर के माध्यम से लिस्ट तैयार हो तो उनका नाम नहीं आए।
कलेक्टर ने एक दिन में इलाज कर दिया
सब कुछ एजुकेशन पोर्टल के अंदर होने वाला था। कंप्यूटर वैसे भी किसी से चुगली नहीं करता। इसलिए पिछले 10 साल से बात छुपी हुई थी परंतु कंप्यूटर चुगली नहीं करता, कंप्यूटर ऑपरेटर तो चुगली करता है। बात बाहर आ गई है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री सुदामा गुप्ता ने इस प्रकार के बयान देना शुरू किया ताकि उनकी मंशा पर कोई सवाल ना उठे और कर्मचारियों को भी ट्रांसफर से बचाया जा सके लेकिन कलेक्टर प्रतिभा पाल ने स्पष्ट आदेश दिया कि सभी कर्मचारियों को मेडिकल बोर्ड के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यदि उन्हें ब्रेन ट्यूमर नहीं निकला, तो उनके खिलाफ डिपार्मेंटल एक्शन लिया जाएगा।
कलेक्टर का बयान आते ही, सभी शिक्षक यहां वहां अपना स्पष्टीकरण देते फिर रहे हैं। विजयपाल सिंह सिंगर का कहना है कि मुझे नहीं पता मेरा नाम कैसे आ गया। मैंने तो संकुल प्राचार्य से भी निवेदन किया था। आशा द्विवेदी का कहना है कि मैंने तो कोई आवेदन ही नहीं दिया। निधि दुबे ने कहा कि मैं भी कोई आवेदन नहीं दिया। पुष्पा वर्मा का कहना है कि मुझे तो पता ही नहीं है। प्रतिमा द्विवेदी का भी यही कहना है। विनय कृष्ण तिवारी, भगवत प्रसाद पांडे, अदिति सिंह, एमडी सिंह एवं सुधाकर तिवारी ने मीडिया के सामने कोई बयान नहीं दिया है।
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