भोपाल डिस्टिक कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री मनीष मिश्रा ने, न्यायाधीश श्री वीरेंद्र यादव की जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉ आर एन साहू, इंस्पेक्टर मनीष राज सिंह भदोरिया, जेलर अशोक बाजपेई एवं अन्य पांच पुलिस आरक्षक के खिलाफ एक युवक की हत्या और अपराध के बाद साक्षी मिटाने के आरोप में FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
लूट के अपराध में गिरफ्तार किया था
एडवोकेट आमिरउल्ला खान ने बताया- मामला 23 जून 2015 का है। ग्वालियर के जेएएच अस्पताल में इलाज के दौरान बंदी मोहसिन खान (24) मौत हो गई थी। मोहसिन भोपाल का रहने वाला था। मोहसिन की मां ने कोर्ट में प्राइवेट कम्प्लेंट फाइल की थी। मोहसिन के परिजन का आरोप था कि 3 जून 2015 को क्राइम ब्रांच भोपाल के सिपाही मुरली, दिनेश खजूरिया और चिरोंजी पूछताछ के लिए ले गए थे। जब वे मोहसिन को छुड़वाने के लिए क्राइम ब्रांच थाने पहुंचे तो उनसे दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई। क्राइम ब्रांच के बाद पुलिस ने मोहसिन पर टीटी नगर थाने में लूट का अपराध कायम कर उसे अदालत में पेश कर जेल भिजवा दिया। इससे पहले क्राइम ब्रांच और टीटी नगर थाने में उसके साथ मारपीट की गई थी। उसके प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया था। इस बात की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में हुई थी। जेल में भी जेलर पर मोहसिन से मारपीट किए जाने के आरोप परिजन ने लगाए थे।
सेशन कोर्ट ने तीन बार लोअर कोर्ट को जांच के आदेश दिए
मृतक की मां सीमा खान की ओर से पैरवी अधिवक्ता यावर खान ने की थी। इस मामले में पहले 3 बार न्यायिक मजिस्ट्रेट ने हत्या और साक्ष्य मिटाने का मामला दर्ज किया था। तीन बार सेशन कोर्ट ने वापस लोअर कोर्ट में पुनः जांच कर आदेश करने के लिए भेजा था। चौथी बार फिर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पुलिस अधिकारी, जेलर सहित हमीदिया अस्पताल के तत्कालीन मेडिकल ऑफिसर के विरुद्ध हत्या और साक्ष्य मिटाने का अपराध दर्ज कर समन जारी किए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ज्यूडिशियल कस्टडी में मारपीट से हुई मौत समाज में गहरा धब्बा होता है।
पढ़िए किसके ऊपर क्या आरोप लगा है
क्राइम बांच में आरक्षक के पद पर पदस्थ रहे मुरली, चिरोंजीलाल और दिनेश खजूरिया लूट के एक मामले में मोहसिन खान को उसके घर से गिरफ्तार करके लाए थे। तीनों आरक्षकों ने क्राइम ब्रांच थाने में मोहसिन खान से लूट के मामले में पूछताछ की थी।
इंस्पेक्टर मनीषराज सिंह भदौरिया
टीटी नगर थाने के तत्कालीन प्रभारी अधिकारी, इंस्पेक्टर मनीषराज सिंह भदौरिया ने लूट के एक मामले में मोहसिन को आरोपी बनाया। साथ ही घायल हालत में थाने में पहुंचे मोहसिन के साथ मारपीट की। जब क्यों उसे इलाज की जरूरत थी।
डॉ. आरएन साहू, मनोरोग विभाग, हमीदिया अस्पताल
हमीदिया अस्पताल के मनोरोग विभाग में पदस्थ रहे डॉ. आरएन साहू पर आरोप है कि उन्होंने केंद्रीय जेल भोपाल में बंद कैदी मोहसिन खान को मनोरोगी घोषित किया, जबकि वह स्वस्थ था। इसके अलावा मनोरोगी बताकर ट्रीटमेंट के लिए घायल हालत में ग्वालियर स्थित जयारोग्य हॉस्पिटल रेफर किया।
जेलर आलोक वाजपेयी
केंद्रीय जेल भोपाल के तत्कालीन जेलर आलोक वाजपेयी पर आरोप है कि लूट के मामले में कोर्ट द्वारा ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे गए मोहसिन खान को इलाज मुहैया नहीं कराया। उसे जेल में पिटवाया। जेल में दाखिले के वक्त के सीसीटीवी फुटेज कोर्ट को मुहैया नहीं कराए।
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