मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर निगम के रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री प्रदीप जैन के घर और ऑफिस में मध्य प्रदेश शासन की विशेष स्थापना लोकायुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई कर दी। बताया जा रहा है कि, यहां से बड़ी संख्या में नगद नोट, सोने चांदी के आभूषण और प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट मिले हैं। इनमें कुछ दस्तावेज जैसे हैं, जो बताते हैं कि विदेश में भी इन्वेस्टमेंट किया गया है। यह मकान प्रदीप जैन के बेटे यश जैन के नाम से रजिस्टर्ड है।
नगर निगम का दागी अधिकारी भोपाल स्मार्ट सिटी में सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर
लोकायुक्त को पीके जैन के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ियों की शिकायत मिली थी। इसके बाद शुक्रवार सुबह टीम एयरपोर्ट रोड स्थित पाॅश लार्ड्स कॉलोनी में स्थित उनके घर और गोविंदपुरा स्थित स्मार्ट सिटी ऑफिस में बने दफ्तर पहुंची। दोनों ही जगह से दस्तावेज जब्त किए हैं। पीके जैन रिटायरमेंट के बाद से ही भोपाल स्मार्ट सिटी में बतौर सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर (प्रोजेक्ट) संविदा कार्यरत हैं। वहां उन्हें वित्तीय पावर भी मिले हुए हैं। जैन स्मार्ट सिटी में भी अधीक्षण यंत्री के पद पर ही काम कर रहे हैं।
फाॅरेन इन्वेस्टमेंट्स की जांच की जा रही है
लोकायुक्त के सूत्रों ने बताया कि प्रदीप जैन द्वारा विदेश में निवेश की सूचनाएं भी मिली हैं। कार्रवाई में मिले दस्तावेजों में जैन के फाॅरेन इन्वेस्टमेंट्स की जांच भी की जा रही है। पब्लिक इसके बारे में ज्यादा नहीं जानती परंतु लोगों को यह बताएं कि विदेशों से अवैध वित्तीय व्यवहार को मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं। भारत में यह गंभीर अपराध है। हालांकि लोकायुक्त ने स्पष्ट नहीं किया है कि उसे जो शिकायत मिली है उसमें मनी लॉन्ड्रिंग अथवा विदेश में अवैध तरीके से इन्वेस्टमेंट की डिटेल है या नहीं।
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