BHOPAL SAMACHAR - आम नागरिकों को मंकीपॉक्स का खतरा, अलर्ट एवं गाइडलाइन जारी

Bhopal Samachar
मंकी पॉक्स से बचाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाये और आवश्यक प्रबंध किए जायें। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशानिर्देश जारी कर दिये गये हैं। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन अनुसार संदिग्ध प्रकरणों को चिन्हाकिंत स्वास्थ्य सुविधाओं में अलग रखा जाएगा। उपचार करने वाले चिकित्सक द्वारा आइसोलेशन समाप्त करने का निर्णय लेने पर ही स्वास्थ्य संस्था से डिस्चार्ज करने के निर्देश हैं। ऐसे सभी संभावित प्रकरण एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के जिला सर्विलेंस अधिकारी की निगरानी में रहेंगे। संभावित संक्रमण की स्थिति में मंकीपॉक्स वायरस परीक्षण के लिए प्रयोगशाला का सैंपल एनआईवी पुणे भेजे जाएँगे।

पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ़ इंटरनेशनल कंसर्न घोषित

मंकीपॉक्स का पॉजिटिव प्रकरण पाये जाने पर कांटैक्ट ट्रेसिंग कर विगत 21 दिनों में रोगी के संपर्क में आये व्यक्तियों की पहचान करने के निर्देश हैं। मंकीपॉक्स बीमारी का केंद्र वर्तमान में अफ्रीका के देशों में है। इस बीमारी का प्रथम प्रकरण भारत में 14 जुलाई 2022 को केरल में पाया गया था, उसके बाद 30 लेबोरेटरी कन्फर्म प्रकरण केरल एवं दिल्ली में पाये गयें, 27 मार्च 2024 के बाद कोई नया प्रकरण नहीं पाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 14 अगस्त 2024 को (मंकीपॉक्स) बीमारी को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ़ इंटरनेशनल कंसर्न (पीएचईआईसी) घोषित किया गया है। 

मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में पायी जाती है। मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी को सामान्यतः बुखार, रेश और लिम्फ नोड्स में सूजन पाई जाती है। कुछ रोगियों में चिकित्सकीय जटिलताएं हो सकती हैं। मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित संक्रमण है जिसके लक्षण सामान्यतः 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते है। गंभीर प्रकरणों में मृत्यु दर 1-10% प्रतिशत है।

आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है

मंकीपॉक्स वायरस पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है। उक्त वायरस कटी-फटी त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या म्यूकस मेम्ब्रेन (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित पशु/वन्यपशु से मानव में वायरस का संचरण काटने, खरोंचने, शरीर के तरल पदार्थ एवं घाव से सीधे अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क (जैसे दूषित बिस्तर) के माध्यम से हो सकता है। मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण / संचरण मुख्य रूप से लार्ज रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के माध्यम से सामान्यतः पर लंबे समय तक निकट संपर्क से होता है। वायरस शरीर के तरल पदार्थ / घाव के सीधे संपर्क के माध्यम से और घाव के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से भी प्रसारित हो सकता है, जैसे संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों या लिनेन के माध्यम से। 

मंकीपॉक्स का इनक्युबेशन पीरियड आमतौर पर 7-14 दिनों का होता है, यह 5-21 दिनों तक हो सकता है और इस अवधि के दौरान व्यक्ति आमतौर पर संक्रामक नहीं होता है। संकमित व्यक्ति के चकत्ते दिखने से 1-2 दिन पहले तक रोग फैला सकता है। सभी चकत्तों से पपड़ी गिर न जाए रोगी तब तक संक्रामक बना रह सकता है। 

विनम्र अनुरोध 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। भोपाल के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें।
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!