सड़क पर ओवरलोडेड वाहनों को पकड़ने का काम ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का है परंतु नदी-तालाब उसके अंडर नहीं आते। इसलिए प्रश्न उपस्थित होता है कि, यदि कोई नदी में ओवरलेटेड नाव चलाता है, तो उसके खिलाफ किस कानून के तहत किस डिपार्टमेंट द्वारा कार्रवाई की जाएगी। जानिए :-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 284 की परिभाषा
"यदि कोई व्यक्ति नाव या जहाज को ऐसे चलाता है कि वह सुरक्षित नहीं है या उसमें अधिक भार है, जिससे नाव चलाने वालों या यात्रियों को खतरा होता है, तब वह व्यक्ति BNS की धारा 284 के अंतर्गत दंडनीय होगा। स्थानीय जिलाधिकारी द्वारा तैनात किया गया कर्मचारी शिकायत करेगा और पुलिस थाने में मामला दर्ज किया जाएगा।
इस अपराध से संबंधित सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट :-
- स्टेट ऑफ तमिलनाडु बनाम कृष्णन (2019) - सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जलयान को असुरक्षित या अतिभारित करके चलाना शामिल है, जिससे जलयान चलाने वालों या यात्रियों को खतरा होता है।
THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023,SECTION 284 PROVISION OF PUNISHMENT
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की FIR दर्ज होगी एवं उचित कार्यवाही कर आरोपी को जमानत पर छोड़ सकती है। इस अपराध की सुनवाई कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं यह समझौता योग्य नहीं है अर्थात् राजीनामा नहीं किया जा सकता है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या पांच हजार रुपये का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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