भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 31 भारत के आम नागरिको को पुलिस एवं मजिस्ट्रेट की सहायता करने का कानूनी अधिकार देती है अर्थात तीन प्रकार के अपराध में जनता पुलिस एवं मजिस्ट्रेट की सहायता कर सकती है :-
1. गिरफ्तारी में सहायता:
2. शांति भंग का निवारण:
3. लोक संपत्ति की रक्षा:
जानिए आम व्यक्ति मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी में कब सहायता कर सकता है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 31(1) की परिभाषा
▪︎गिरफ्तारी में सहायता:▪︎ यदि कोई पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए प्राधिकृत करता है, तो आम जनता उस व्यक्ति को पकड़कर पुलिस के हवाले कर सकती है। यह तब होता है जब पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट के पास पर्याप्त बल नहीं होता है या वे खुद गिरफ्तारी नहीं कर सकते हैं।
उदाहरण अनुसार:-
- एक पुलिस अधिकारी एक चोर को गिरफ्तार करने के लिए प्राधिकृत करता है, लेकिन चोर भागने लगता है। इस स्थिति में, आम जनता चोर को पकड़कर पुलिस अधिकारी के हवाले कर सकती है।
- एक मजिस्ट्रेट एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए प्राधिकृत करता है, लेकिन व्यक्ति शांति भंग करने लगता है। इस स्थिति में, आम जनता व्यक्ति को शांत करने में मदद कर सकती है और पुलिस के हवाले कर सकती है।
नोट:- यह धारा आम जनता को पुलिस अधिकारी और मजिस्ट्रेट की सहायता करने के लिए प्रोत्साहित करती है, ताकि अपराधों को रोका जा सके और शांति बनाए रखी जा सके। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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