अगर कोई व्यक्ति सरकारी स्कूल में तोड़फोड़ करता है या सरकारी पार्क को क्षतिग्रस्त करता है तब मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट का कर्तव्य होता है कि वह ऐसे उपद्रव करने वाले व्यक्तियों को दण्डित करे, लेकिन यह कानूनी अधिकार भारत के आम नागरिकों को भी दिया गया है कि वह भी लोक संपत्ति को नुकसान करने वाले व्यक्तियों को रोक सके, जानिए:-
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 31(3) की परिभाषा
लोक संपत्ति की रक्षा:- यदि कोई व्यक्ति लोक संपत्ति को क्षति पहुंचाने का प्रयास करता है, तो आम जनता उसे रोक सकती है। लोक संपत्ति से मतलब है सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति, जैसे कि सरकारी दफ्तर, स्कूल, अस्पताल, सार्वजनिक पार्क, आदि।
उदाहरण अनुसार:- कोई व्यक्ति सरकारी दफ्तर में तोड़फोड़ करने लगता है। सार्वजनिक संपत्ति जैसे आम रास्ता, पब्लिक पार्क, सार्वजनिक धार्मिक स्थल, सरकारी स्वामित्व वाली कोई भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है इस स्थिति में, आम जनता उसे बलपूर्वक रोक सकती है और पुलिस को सूचित कर सकती है।
नोट:- यह धारा आम जनता को लोक संपत्ति की रक्षा करने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करती है, ताकि सरकारी और सार्वजनिक संपत्ति सुरक्षित रहे, लेकिन संपत्ति खोज क्षति पहुंचाने के प्रयास की घटना की जानकारी पुलिस को देना जरूरी है। यदि किसी व्यक्ति को बलपूर्वक रोक लिया गया है तो उसे पुलिस के सुपुर्द करना जरूरी है। इस कानून के तहत जनता को, उसे रोकने का अधिकार दिया गया है, उसे दंडित करने का अधिकार नहीं दिया गया है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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