भारत की एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। भारत सरकार ने आज संसद में स्पष्ट कर दिया कि, कोविद-19 काल के 18 महीने का बकाया महंगाई भत्ता, का भुगतान किया जाएगा या नहीं। राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने, इस विषय पर सरकार के रुख को स्पष्ट कर दिया।
DA of 18 months of central employees will not be released now
राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसके बारे में जानकारी दी। उनका कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों का जो 18 महीने का डीए रोका गया था वे अब जारी नहीं किया जाएगा। कोरोनाकाल के दौरान सरकार वित्तीय बोझ से गुजर रही थी। तब सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के डीए को रोककर वित्तीय बोझ से थोड़ी राहत ली थी। उस दौरान सरकार ने 34,402.32 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करके पैसे बचाए थे।
डीए के मामले में भारत सरकार का पक्ष
सरकार द्वारा 18 महीने के डीए को नहीं देने के बारे में सफाई देते हुए कहा था कि दुनिया में बनी महामारी के कारण बनी विपरीत परिस्थिति में डीए एरियर को जारी करना व्यावहारिक नहीं है। जिसके कारण ये रकम अब भी कर्मचारियों को देने से इनकार किया जा चुका है।
भारत सरकार और केंद्रीय कर्मचारियों के बीच नाराजगी
केंद्र के 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को 18 महीने का डीए नहीं देने के फैसले पर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं। इस पर राजनीति जारी हो गई। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों से जुड़ा मामला होने के कारण इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है।
Strike a Balance between employment, growth and coalition politics?
सरकार के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाया और सरकार से जवाब मांगा। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के पास का पैसा आखिर कहां जा रहा है? इस बारे में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर, सरकार से सवाल किया।
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