नवनियुक्त शिक्षकों से मुख्यमंत्री ने वादा किया कि नियुक्ति के पहले साल 70% वेतन और दूसरे साल से 100% वेतन मिलेगा। कुछ याद आया? नहीं? चलिए कुछ पीछे चलते हैं..। साल 2023 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का साल था, सभी जानते हैं चुनाव, सरकारी भर्तियां और सरकारी कर्मचारियों को लुभाना एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
चुनाव से ठीक पहले 30 मार्च 2023 को होती है शिक्षकों की भर्ती और नवनियुक्त शिक्षकों को 12 अप्रैल 2023 को तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुलाते हैं। भोपाल, जिस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मध्यप्रदेश गवर्नर, शिक्षा मंत्री मध्यप्रदेश सहित सारा सरकारी सिस्टम मौजूद था, उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहते हैं-
"एक काम जो पिछली सरकार ने गलत किया था, उसको मैं थोड़ा सुधार रहा हूं, अब पहले साल 70% और दूसरे साल 100% सैलरी दी जाएगी। ये चार हिस्सों में बांटना मुझे तो न्याय नहीं लगता (पहले साल 70% वेतन, दूसरे साल 80%, तीसरे साल 90% और चौथे साल 100% वेतन), तरसा-तरसा के देना ये मुझे ठीक नहीं लगता। इसलिए पहला साल अपनी परीक्षा का है तो 70% , दूसरे साल अच्छा पढ़ाओ 100%।"
कार्यक्रम के बाद नवनियुक्त शिक्षक खुशी-खुशी घर आते हैं फिर शुरू होता है 100% वेतन के आदेश आने का इंतजार..। इंतजार करते-करते महीने बीते पर आदेश नहीं जारी हुआ, इतंजार बढ़ता रहा.. और आचार संहिता लागू हो गई पर आदेश नहीं आया। नवनियुक्त शिक्षक घबराए अगर यही सरकार नहीं आई तो 100% का आदेश भी नहीं आएगा। चुनाव हुआ, चुनाव परिणाम आया वही पार्टी जीती, और उम्मीद फिर जग गई, अब तो 100% वेतन का आदेश आ ही जाएगा, तभी आता है कहानी में ट्विस्ट!
मुख्यमंत्री बदल दिया जाता है। शिवराज सिंह चौहान की जगह डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री बनते हैं। पार्टी वही थी, मुख्यमंत्री नए थे। 100% वेतन का आदेश आना तो चाहिए। नवनियुक्त शिक्षकों की उम्मीद बुझाने लगी थी। तभी एक बयान से उम्मीद फिर जग गई। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं-
"मामा अब मुख्यमंत्री नहीं रहा, पर टाइगर अभी जिंदा है, मेरे द्वारा की गई सभी घोषणाएं लागू होंगी।"
बस फिर क्या था टूटे सपने फिर सज गए और शुरू हो गया इंतजार 100% वेतन का.. लेकिन समय बीतता गया, विधायक शिवराज, केंद्रीय मंत्री बन गए। इस बीच हजारों ज्ञापन दिए जा चुके हैं, विभिन्न समाचार पत्रों एवं समाचार चैनलों द्वारा 100% वेतन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया है, जिनमें से भोपाल सामाचार डॉट कॉम, दैनिक भास्कर और बंसल न्यूज प्रमुख हैं एवं निरंतर सराहनीय कार्य कर रहे हैं।
नियुक्ति को 15 महीने से अधिक हो चुके हैं, 70% के बाद 80% वेतन मिलने लगा है, नवनियुक्त शिक्षकों को लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है, लाखों रुपए का नुकसान होने से बचाया जा सकता है, निराशा दूर की जा सकती है, थोड़ी ही सही उम्मीद है 100% वेतन का आदेश अब भी आयेगा, टाइगर का ट्रांसफर हो गया, लेकिन ट्रांसफर से यादें तो खत्म नहीं होती, उन्हें अपनी गर्जना याद तो होगी। टाइगर मामा को टाइगर भांजे भांजियों की याद तो आयेगी।
मा. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से विनम्र निवेदन
चुनाव वही पार्टी जीती है, मुख्यमंत्री भी उन्ही का है, तो पीएम मोदी की उपस्थिति में, अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की गई उचित घोषणा (100% वेतन) को पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री के शब्दों का भी मोल होना चाहिए, पीएम मोदी उपस्थिति का भी मान होना चाहिए, यह विश्वास और सम्मान बढ़ाएगा, घटाएगा नहीं।अतः माननीय मुख्यमंत्री नवनियुक्त शिक्षकों के 100% वेतन का आदेश अविलंब जारी करने की कृपा करें, धन्यवाद। नितिन कुमार तिवारी, लेखक लोक सेवक एवं शासकीय शिक्षक हैं।
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