मध्य प्रदेश शासन, ऊर्जा विभाग के अंतर्गत मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। यहां नए उपभोक्ताओं को नियमानुसार आवेदन करने के बाद भी बिजली कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर है कि, एक बिजली कनेक्शन के लिए स्वयं कलेक्टर को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस बात की जांच जरूर की जानी चाहिए कि, नियमानुसार आवेदन करने के बाद भी आवेदक को बिजली कनेक्शन क्यों नहीं मिलता और इंदौर में एक बिजली कनेक्शन लेने के लिए नियमानुसार आवेदन के अलावा उपभोक्ता को और क्या-क्या करना पड़ता है।
दूसरा सवाल - यदि मुख्यमंत्री भुट्टा नहीं खाते तो क्या कलेक्टर सुमन बाई को महत्व देते?
यह किसी विपक्षी पार्टी के नेता का आरोप नहीं है और ना ही किसी पत्रकार का खुलासा है बल्कि इंदौर कलेक्टर श्री आशीष सिंह के ऑफिस से प्रेस को भेजी गई अधिकृत जानकारी में बताया गया है कि, इंदौर कलेक्टर कार्यालय में आज सम्पन्न हुई जनसुनवाई में रामचन्द्र नगर में रहने वाली सुमन बाई पाटीदार पहुँची। उसने कलेक्टर श्री आशीष सिंह को बताया कि उसके घर में लगा हुआ विद्युत कनेक्शन कट गया है। वह चालू नहीं हो रहा है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने तुरंत संज्ञान में लेकर विद्युत मंडल के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। कलेक्टर श्री आशीष सिंह के निर्देश पर विद्युत मंडल के अधिकारियों ने तुरंत कार्यवाही करते हुए सुमन बाई पाटीदार के घर नया विद्युत कनेक्शन चालू कर दिया। ज्ञात रहे कि विगत महीने इंदौर प्रवास के दौरान सुमन बाई के ठेले पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भुट्टा खाया था।
एक महीने से परेशान कर रहे थे, एक दिन में कनेक्शन हो गया
उक्त मामले में कार्यपालन यंत्री पश्चिम शहर संभाग द्वारा मौका निरीक्षण किया गया। निरीक्षण की विवेचना के दौरान पाया गया कि श्रीमती सुमन पाटीदार मकान 96-रामचंद्र नगर में निवासरत है एवं उनके निवास स्थान पर विद्युत कनेक्शन उनके पड़ोसी श्री आशीष कैलाश चंद्र सोनी के नाम से सर्विस क्रमांक एन. 34740 18343 है। उक्त कनेक्शन को श्री आशीष सोनी द्वारा वर्ष 2016 में कराया गया था। श्री आशीष सोनी द्वारा उक्त कनेक्शन गत 24 जुलाई 2024 को उर्जस पोर्टल पर स्थाई रूप से विच्छेदित हेतु आवेदन क्रमांक पी डी-240418 किया गया। तद्धपरान्त सहायक यंत्री कालानी नगर झोन द्वारा उक्त कनेक्शन को गत 29 जुलाई 2024 को स्थाई रूप से विच्छेदित कर दिया गया था। चूंकि सुमन बाई के घर इसी विद्युत कनेक्शन से बिजली आ रही थी इसलिए उनके घर में भी बिजली का कनेक्शन कट गया था।
पहला सवाल: क्या बिजली कनेक्शन के लिए अप्लाई करने के बाद जनसुनवाई में जाना होगा
इस जानकारी में बड़ी ही चतुराई के साथ इस बात को छुपा लिया गया है कि सुमन बाई ने कब आवेदन किया था और उनके आवेदन पर नियम के अनुसार कार्रवाई करते हुए बिजली कनेक्शन क्यों नहीं दिया गया। जब बिजली का बिल जमा करने की एक लास्ट डेट होती है तो बिजली कनेक्शन के आवेदन के बाद कनेक्शन देने की भी एक लास्ट डेट होनी चाहिए। उसे अनिश्चितकाल तक के लिए पेंडिंग में कैसे डाला जा सकता है। क्या इंदौर में एक बिजली कनेक्शन के लिए भी, आवेदन करने के बाद जनसुनवाई में जाना होगा। मुख्यमंत्री हर किसी के घर तो भुट्टा खाते नहीं है। क्या कलेक्टर जनसुनवाई में आने वाले सभी लोगों को बिजली कनेक्शन दिलवाएंगे।
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