MISSION HOSPITAL वाले डॉक्टर अजय लाल पुलिस निगरानी से फरार - MP NEWS

The Mission Hospital Damoh के संचालक डॉ अजय लाल, पुलिस की निगरानी से फरार हो गए। उनके घर पर सोमवार दोपहर से पुलिस का पहरा बिठा दिया गया था। मंगलवार की रात 12:00 बजे उनके खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला दर्ज किया गया। जब उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम पहुंची तो डॉक्टर लाल गायब थे। बाद में उनका परिवार भी चला गया। दमोह पुलिस ना तो डॉक्टर लाल को गिरफ्तार कर पाई और ना ही उनके परिवार को रोक पाई। 

राष्ट्रीय बाल आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई थी

राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष ने दमोह पुलिस को एक पत्र जारी किया था। जिसमें 18 साल पहले एडॉप्ट किए गए दो बच्चों को लेकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग की संभावना जताई थी। इस मामले में पुलिस ने जांच करने के बाद रात आधारशिला संस्थान के निर्देशक डॉक्टर अजय लाल और उनसे जुड़े कई अन्य लोगों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाइल जस्टिस केयर एक्ट का पालन न करने के आरोप के तहत एफआईआर दर्ज कर ली।

डॉक्टर लाल के गायब होते ही परिवार भी जबलपुर चला गया

एफआईआर के पहले ही पुलिस ने डॉक्टर लाल को अपनी पहरेदारी में रखा था, लेकिन रात में जब गिरफ्तारी के लिए पहुंचे तो वह फरार हो गए। इसके बाद डॉक्टर अजय लाल की पत्नी इंदू लाल, उनके बेटे अभिजीत लाल और बेटी अभिनीता अपने फॉरेनर पति के साथ जबलपुर जाने के लिए घर से निकले, जिन्हें पुलिस ने मारुताल टोल नाका के पास रोक लिया गया और डॉक्टर लाल के बारे में पूछताछ की गई। यहां पूछताछ के दौरान परिजनों और पुलिस के बीच काफी बहस हुई। 

पुलिस, डॉक्टर लाल के परिवार को भी नहीं रोक पाई

लाल की बेटी अभिनीता ने पुलिस पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए। साथ में पुलिस से ये भी कहा कि आपने मेरे पिता को पहरेदारी में रखा था तो आप बताइए वह कहां है। हालांकि पुलिस के पास इसका कोई जवाब नहीं था। पुलिस ने लाल के परिवार को पूरी रात आधारशिला संस्थान के कैंपस में रोक कर रखा। परिवार के लोग यहां पुलिस से बार-बार अपने जाने की बात कहते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया, लेकिन सुबह अचानक पुलिस ने एक नोटिस पर उनके साइन लिए और उन्हें जाने दिया।

डॉक्टर की बेटी ने पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप लगाए

डॉ अजय लाल की बेटी अभिनीता ने कहा कि हम दमोह को अपना घर मानते हैं, हमारे पिता यहां लोगों की मदद करते हैं और उन्हें झूठे मामलों में फंसाने का प्रयास हो रहा है। हम फॉरेनर है और यहां अपने परिवार से मिलने मिलने आते हैं। अब माहौल खराब हो गया है इसलिए हम वापस अपने देश जा रहे हैं। पुलिस ने हमें रोक रखा है और पुलिस हमें प्रताड़ित कर रही है।

पुलिस ने बिना नोटिस दिए डॉ लाल को नजर बंद कर लिया था, बेटे का आरोप

वहीं लाल के बेटे अभिजीत लाल ने कहा कि हम लोगों की सेवा कर रहे हैं और सेवा करने की हमें सजा मिल रही है। मेरे पिता अपना पूरा जीवन दमोह के लिए समर्पित कर चुके हैं, लेकिन उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। अभिजीत ने कहा कि ईश्वर के बाद मेरे लिए माता पिता ही भगवान है और उनके लिए जो भी बनेगा मैं करूंगा। मेरे पिता पर एफआईआर हुई है और मैं जबलपुर जाकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से इस मामले में बात करना चाहता हूं, ताकि हम अपने पिता को सुरक्षित रख सके, लेकिन पुलिस ने हमे यहां रोक रखा है। पुलिस हमसे पूछ रही है कि हमारे पिता कहां हैं, जबकि दोपहर से ही पुलिस ने मेरे पिता को नजर बंद कर रखा था, वह भी बिना कोई नोटिस दिए।

पुलिस की मर्जी के बिना कोई घर से बाहर नहीं निकल सकता था

सोमवार दोपहर से डॉक्टर लाल के घर के चारों तरफ पुलिस तैनात थी और उसके बाद भी जब रात में पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, तो वह नहीं थे। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। सुबह करीब 4 बजे पुलिस ने लाल के परिजनों की मौजूदगी में उनके पूरे घर की तलाशी ली, लेकिन वह कहीं नहीं मिले। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा, लैपटॉप और CCTV का DVR भी जब्त किया है।

हैरानी की बात है कि डॉक्टर अजय लाल का घर एक किले की तरह सुरक्षा में बना है और ऐसे में उनका वहां से गायब होना पूरी तरह पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह जाहिर कर रहा है। अब इस मामले में पुलिस कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी और एडिशनल एसपी संदीप मिश्रा पत्रकारों के फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं।

बाल भवन का संचालन डॉ लाल करते थे 

डॉ अजय लाल के द्वारा दमोह के मारूताल में अपने आधारशिला संस्थान के ऑफिस के समीप एक बाल भवन का संचालन किया जाता था, जिसमें अनाथ बच्चे रहते थे। करीब एक साल पहले राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बाल आश्रम के संचालन को संदिग्ध बताया और उसके बाद इसे बंद कर दिया गया।

दमोह वाले डॉक्टर अजय लाल कौन है

डॉक्टर अजय लाल दमोह की सबसे बड़ी निजी मिशन अस्पताल के संचालक हैं। नर्सिंग कॉलेज का भी संचालन किया जा रहा हैं। मिशनरी से जुड़े कई बड़े पद उनके पास हैं। पहले मिड इंडिया क्रिश्चियन मिशन के नाम से उनकी संस्था का संचालन होता था जिसे बाद में नाम बदलकर उन्होंने आधारशिला संस्थान कर दिया। दमोह में लाल की कई एकड़ बेशकीमती जमीन है। उनके बेटे अभिजीत लाल और उनके करीबी संजीव लैंबर्ट के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। 

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