मध्य प्रदेश शासन के, जनजाति कार्य विभाग के द्वारा शिक्षक भर्ती वर्ष 2023 में ईडब्ल्यूएस वर्ग को 10% आरक्षण नहीं देने पर झाबुआ निवासी अर्पणा हालदार ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी।
स्कूल शिक्षा ने EWS आरक्षण दिया परंतु ट्राइबल डिपार्टमेंट ने नहीं दिया
मामला उच्च न्यायालय की युगल पीठ के समक्ष प्रस्तुत था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता धीरज तिवारी ने बताया कि प्रतिवादी एक व दो ने शिक्षक भर्ती 2023 के लिए 16 विषयों की संयुक्त रूप से 8720 पदों के लिए परीक्षा आयोजित कराई जिसमे स्कूल शिक्षा विभाग ने 7591 पदों का व जनजातीय कार्य विभाग ने 1129 पदों का रोस्टर जारी किया। नियमानुसार EWS वर्ग को 10% सीटो का आवंटन होना था स्कूल शिक्षा विभाग ने बैकलॉग को छोड़कर 3923 पदों के 10% के मान से EWS के लिए सीटें आरक्षित की लेकिन जनजातीय कार्य विभाग ने 1129 पदों में 10% के हिसाब से सीटें नही आरक्षित की।
याचिकाकर्ता की जनजातीय कार्य विभाग में 4 वेटिंग हैं। नियमानुसार कुल पदों में से 12 सीटें मिलनी थी। जिसके याचिकाकर्ता मेरिट में आता, लेकिन विभाग ने एक भी सीटें नही दी। ठीक इसी प्रकार अन्य विषयों में यही गलतियां हैं। उत्तरवादी अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में कहा गया कि बैकलॉग पर यह माँग की जा रही हैं जिसके उत्तर में प्रतिवादी अधिवक्ता द्वारा बताया की सीधी भर्ती के पदों यह याचिका है। बैकलॉग में यह माँग नही की जा रही है। साथ ही भर्ती पर त्वरित रोक की माँग की।
दोनों पक्षो को सुनने के बाद न्यायमूर्ति श्रीसुत अरविंद धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति श्रीमती अनुराधा शुक्ला की युगल पीठ ने भर्ती को अंतिम निर्णय आने तक याचिका के अधीन करते हुए एक सप्ताह बाद जबाब के साथ हाजिर होने के निर्देश दिए हैं मामला 30/08/2024 को सुनवाई हेतु नियत हैं।
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