जिस तरह से सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों से केवायसी कराई जाती है, ठीक उसी तरह अब मध्य क्षे़त्र विद्युत वितरण कंपनी भी अपने उपभोक्ताओं को सुविधा देने एवं राज्य शासन की योजनाओं का लाभ देने के लिए केवायसी करने जा रही है। इससे राज्य शासन की योजना का सीधा लाभ मिलने में कोई कठिनाई नहीं होगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं के बिजली संबंधी व्यक्तिगत विवरण को कंपनी के रिकार्ड में अपडेट करने के लिए नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
बिजली के बिल से बैंक अकाउंट अटैच किया जाएगा
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया है कि कंपनी द्वारा नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया के तहत बिजली उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी जैसे समग्र आईडी, मोबाइल नंबर एवं बैंक खाता इत्यादि की जानकारी को अपडेट किया जाएगा। गौरतलब है कि कंपनी द्वारा केवायसी प्रक्रिया से वास्तविक उपभोक्ताओं के विद्युत संयोजन एवं उनके भार की स्थिति का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जा सकेगा, जिससे कंपनी कार्यक्षेत्र में विद्युत संरचनाओं के भविष्य में विस्तार की योजना बनाने में आसानी होगी। साथ ही कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सही पहचान और मोबाइल नंबर को सटीक रूप से टैग करने में मदद करेगी, जिससे कंपनी की सेवाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री क्षितिज सिंघल ने कहा है कि कंपनी के अधिकृत मीटर रीडर द्वारा की उपभोक्ताओं के परिसर में जाकर नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया से बिजली उपभोक्ताओं को जहां राज्य शासन की योजनाओं का लाभ सीधे लाभ अंतरण (DBT) योजना के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर प्रणाली में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
कंपनी द्वारा कैसे किया जाएगा केवायसी
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कंपनी का अधिकृत मीटर रीडर, कंपनी फोटो आईडी से लैस होकर उपभोक्ता के घर का दौरा करेगा और पीओएस मशीन में निष्ठा एप का उपयोग करके केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करेगा। मीटर रीडर उपभोक्ता से समग्र आईडी मांगेगा और समग्र डेटाबेस में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP के माध्यम से इसे सत्यापित करेगा। इसके अलावा मीटर रीडर उपभोक्ता के स्वीकृत लोड, परिसर की फोटो और बैंक खाता की जानकारी एकत्र करेगा। शहरी क्षेत्रों में मीटर रीडर उपभोक्ता से परिसर की संपत्ति आईडी भी मांगेगा। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वह इस प्रकिया को पूर्ण करने में मीटर रीडर का सहयोग करें तथा इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए कंपनी के टोल फ्री नंबर 1912 पर संपर्क कर सकते हैं।
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