हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश द्वारा हड़ताल पर गए डॉक्टर को तुरंत कम पर वापस जाने की आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही हड़ताल में शामिल सभी संगठन के नेताओं को हाई कोर्ट ने दिनांक 20 अगस्त 2024 को कोर्ट रूम में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।
सुरक्षा तो हर नागरिक का मुद्दा है, क्या सब लोग हड़ताल पर चले जाएं
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स को हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है। इससे पहले एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सर्राफ की बेंच ने कहा कि हड़ताल का ये तरीका कतई ठीक नहीं है। अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे? हाईकोर्ट ने डॉक्टरों को तत्काल कम पर वापस जाने के आदेश दिए हैं। यह भी कहा है कि, वैसे, ये हर नागरिक का मुद्दा है, तो क्या हर नागरिक हड़ताल पर चला जाए। और भी तरीके हैं। आप उनको समझाइए। कानूनी तरीके लीजिए।
शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ द्वारा हाई कोर्ट की अवमानना
इससे पहले मध्यप्रदेश के शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने कहा, हम चाहते हें कि देश में समान कानून बने। हाईकोर्ट को लेकर हम आश्चर्यचकित हैं। हाईकोर्ट क्या चाहता है, हम पिट जाएं, मर जाएं। हमारे अधिकार नहीं हैं। मेरा कहना है कि हमें अपनी सुरक्षा और साथियों की सुरक्षा के लिए आंदोलन का अधिकार है। ऐसे में हाईकोर्ट हमारी बात को समझे।
अस्पताल में खुद को डॉक्टर कहते हैं, कोर्ट में स्टूडेंट बता रहे थे
डॉक्टर एसोसिएशन के लोग, अस्पताल में खुद को डॉक्टर बताते हैं। जूनियर कह दे तो बुरा मान जाते हैं और यदि किसी ने स्टूडेंट कह दिया तो उसका इलाज ही नहीं करते, लेकिन कोर्ट में बार-बार दोहरा रहे थे कि हम डॉक्टर नहीं हम तो स्टूडेंट हैं। यहां तक कहा कि केवल 20 लोग हड़ताल कर रहे हैं। हर कोशिश की परंतु कोर्ट ने एक दिन का भी समय नहीं दिया है। तत्काल कम पर वापस लौट के आदेश हुए हैं।
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