मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में रेत के अवैध उत्खनन को लेकर तनाव की स्थिति हमेशा बनी रहती है। उत्तर प्रदेश की सीमा पर होने के कारण छतरपुर जिले में उत्तर प्रदेश के नेताओं और कारोबारी का भी हस्तक्षेप होता रहता है। कौन सही कौन गलत यह तो शायद छतरपुर कलेक्टर ही बता पाए लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि केंद्रीय मंत्री, भाजपा नेता, रेत माफिया और खनिज अधिकारी के बीच में तनाव की स्थिति बन गई है।
घटना का विवरण पढ़िए और परदे की पीछे की कहानी समझिए
मंगलवार को जिला पंचायत में जनसुनवाई का आयोजन था। केंद्रीय मंत्री श्री वीरेंद्र सिंह जनसुनवाई करने के लिए पहुंच गए। फिर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला मंत्री लोकेंद्र सिंह अपनी शिकायत लेकर आए। उन्होंने बताया कि हरपालपुर के बारबई में मुरम का अवैध उत्खनन हुआ था। उन्होंने इसकी शिकायत की थी और खनिज अधिकारी ने कार्रवाई भी की थी। इसके बाद बारबई में फिर से अवैध उत्खनन हुआ। इस बार खनिज अधिकारी ने उनके खिलाफ पंचनामा बनाया और ढाई करोड रुपए का जुर्माना लगा दिया।
शिकायत को सुनते ही केंद्रीय मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार खटीक तमतमा उठे। उन्होंने कलेक्टर के सामने, जनसुनवाई में मौजूद खनिज अधिकारी श्री अमित मिश्रा को डांटना शुरू कर दिया। कहा- 'रेत चोरी में मेरे बाप का बाप भी शामिल हैं तो उसे पकड़कर कार्रवाई करें, इससे बड़ी बात कोई कह नहीं सकता। कोई व्यक्ति चोरी करके किसी दूसरे का नाम कैसे ले सकता है और आप क्या कर रहे हैं। कोई व्यक्ति एक तो रेत चोरी कर सप्लाई कर रहा है, थर्ड पर्सन का नाम लिखवा दिया जाए। आप लोग क्या देखते हैं? रेत की चोरी इस जिले के लिए शर्मनाक है। मध्यप्रदेश में नहीं, पूरे देश में शर्मनाक स्थिति है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा- 'आप आंखों पर पट्टी बांध कर बैठे हो। कोई अगर अपने आप को निरपराध घोषित करने के लिए, ये दरख़्वास्त लेकर आ रहा है कि यह अपराध हमने किया ही नहीं है तो इसका मतलब है कि कहीं न कहीं हमारी गलती है। इस तरह बेधड़क होकर रेत की चोरी भी कर रहे और बेच भी रहे। दूसरे व्यक्ति का नाम आ रहा है।'
पर्दे के पीछे की कहानी
केंद्रीय मंत्री जनता की सुनवाई करने के लिए नहीं आए थे। सिर्फ एक शिकायत की सुनवाई करने के लिए आए थे। आवेदन तो 164 आए थे परंतु सारी जनसुनवाई सिर्फ एक आवेदन पर हुई। खनिज अधिकारी उनके टारगेट पर थे। उन्होंने भरी मीटिंग में, जनता, मीडिया, कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के सामने खनिज अधिकारी को खरी-खोटी सुनाई।
घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि तनाव हरपालपुर क्षेत्र के बारबई इलाके को लेकर है, और खनिज अधिकारी एवं भाजपा नेता के बीच में सीधा संघर्ष चल रहा है। खनिज अधिकारी ने कार्रवाई कर दी तो भाजपा नेता ने भरी मीटिंग में खनिज अधिकारी की इज्जत उतरवा दी। मैसेज लाउड और क्लियर हो गया, हमें छेड़ोगे तो हम छोड़ेंगे नहीं। यह पता लगाया जाना भी जरूरी है कि क्या किसी रेत माफिया और खनिज अधिकारी के बीच में कोई गठबंधन चल रहा है।
अब देखना यह है कि, दोनों के बीच का तनाव कोई नया मोड़ लेता है या फिर खनिज अधिकारी और भाजपा नेता यू-टर्न मारकर हाथ मिला लेंगे।
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