मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में पदस्थ महिला शिक्षक श्रीमती ऋतु जैन की सेवा समाप्त कर दी गई है। नौकरी के आवेदन में उनकी दिव्यांगता 50%, रायसेन मेडिकल बोर्ड के प्रशिक्षण में 40% और दूसरी बार परीक्षण में 30% पाई गई। ऋतु जैन ने अपने टर्मिनेशन को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। अब हाई कोर्ट में डिसाइड होगा कि श्रीमती ऋतु जैन कितने प्रतिशत दिव्यांग हैं। तब तक के लिए उनके टर्मिनेशन ऑर्डर को स्टे कर दिया गया है।
श्रीमती ऋतु जैन बनाम स्कूल शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश
श्रीमती रितु जैन की प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दिनांक 10/08/23 को जय प्रकाश चिकित्सालय, भोपाल द्वारा जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिनांक 28/02/19, के आधार पर की गई थी। नियुक्ति पश्चात, श्रीमती जैन ने, एनएमएस, नीमखेड़ी, जिला, रायसेन में कार्य भार ग्रहण कर लिया गया था।
आयुक्त लोक शिक्षण के आदेश दिनांक 20/10/23 के पालन में, जिन दिव्यांग शिक्षको की दिव्यांगता का प्रतिशत 40 प्रतिशत से कम है, एवम मेडिकल बोर्ड द्वारा पाया गया है। ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध, सुनवाई का अवसर देकर, नियुक्ति निरस्तगी की कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए थे।
पूर्व में डीईओ रायसेन ने, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पूर्व निर्देशों के पालन में, दिनांक 11/08/23 को श्रीमती जैन की विकलांगता का सत्यापन, जिला मेडिकल बोर्ड, रायसेन द्वारा, करवाया गया था। इस संबंध में, दिनांक 23/10/23 के पूर्व भी कई निर्देश जारी किए गए थे। उक्त सत्यापन में उन्हे 40 प्रतिशत दिव्यांग (लो विजन) पाया गया एवम सर्टिफिकेट जारी किया गया।
पुनः फरवरी 2024 में श्रीमती जैन की दिव्यांगता का परीक्षण, डीईओ रायसेन द्वारा करवाया गया। उसके बाद, दिनांक 15/02/24 को कारण बताओ नोटिस जारी कर, उनकी सेवाएं दिनांक 24/05/24 को टर्मिनेट कर दी गईं थी।
श्रीमती ऋतु जैन के वकील की दलील
श्रीमति रितु जैन द्वारा, उच्च न्यायालय जबलपुर समक्ष, सेवा समाप्ति आदेश दिनांक 24/07/24 चुनौती दी गई थी। उनकी ओर से अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी, हाई कोर्ट जबलपुर, ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि, श्रीमती जैन की नियुक्ति बोर्ड द्वारा 50 प्रतिशत स्थाई दिव्यांगता के आधार पर की गई थी। नियुक्ति में कुछ माह बाद, विकलांगता सर्टिफिकेट, संदेहपूर्ण होने पर जिला मेडिकल बोर्ड, रायसेन द्वारा 40 प्रतिशत विकलांगता का सर्टिफिकेट दिनांक 16/08/23 को जारी किया, जिसकी प्रकृति स्थाई थी। अतः बार-बार, विकलांगता सत्यापन एवम विरोधाभास के आधार, प्राथमिक शिक्षक की सेवा समाप्ति अवैध है।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ के जज द्वारा, श्री अमित चतुर्वेदी अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए, प्राथमिक शिक्षक के सेवा समाप्ति दिनांक 24/05/24 को स्टे कर, डीईओ रायसेन सहित, शिक्षा विभाग से जबाव तलब किया है। विनम्र निवेदन 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें।