मध्य प्रदेश के सबसे हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास से पेन ड्राइव जप्त करने की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अभी तक हाई कोर्ट को बताया नहीं गया है कि पुलिस ने कमलनाथ से पेनड्राइव प्राप्त कर ली है या नहीं। इसलिए हाईकोर्ट ने अभी इस मामले में कोई फैसला नहीं सुनाया और तारीख बढ़ा दी।
लिखित नहीं मौखिक बहस करो, इंदौर कोर्ट के आदेश
जिला कोर्ट में आरोपी पक्ष की ओर से वकील यावर खान ने चार्ज पर लिखित बहस पेश की। लेकिन सरकारी वकील ने जवाब पेश नहीं किया। इसकी समय सीमा भी पूरी हो चुकी है। मामले में विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी इंदौर ने मौखिक बहस करने के आदेश दिए हैं। केस में अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी। एक साल पहले हाईकोर्ट भी इसे सेंसिटिव मेटर मानते हुए जल्द सुनवाई कर निराकरण के निर्देश दे चुका है।
मामले का खुलासा हुए 5 साल हो गए
17 सितंबर 2019 में हनी ट्रैप मामला सामने आया था। नगर निगम इंदौर के तत्कालीन चीफ इंजीनियर हरभजन सिंह को कुछ युवतियों ने अश्लील वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल किया था। 3 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, इसकी पलासिया पुलिस थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने 6 महिलाओं समेत आठ को आरोपी बनाया। आरती, मोनिका, श्वेता (पति विजय), श्वेता (पति स्वप्निल), बरखा को गिरफ्तार कर कोर्ट ने जेल भेज दिया था। इनके अलावा गाड़ी ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया गया था। बाद में सभी की जमानत हो गई थी।
इस केस में अभिषेक ठाकुर, रूपा भी आरोपी हैं। सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कई खुलासे हुए थे। उसके अनुसार, भोपाल की आरती पति पंकज दयाल ने 18 वर्षीय बीएससी छात्रा मोनिका से दोस्ती करवाई। फिर इंदौर के एक होटल में आरती ने मोबाइल से दोनों का वीडियो बनाया। उसके बाद ब्लैकमेल का खेल शुरू हुआ, जो आठ माह चला। इसमें तीन बार वे पैसे दे चुके थे, वहीं 50 लाख रुपए लेने आरती और मोनिका जब इंदौर आई तो उन्हें पकड़ लिया गया।
कमलनाथ ने खुद कहा था मेरे पास पेन ड्राइव है
तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने एक बयान में खुद कहा था कि उनके पास वह पेन ड्राइव है जो गिरफ्तार की गई लड़कियों से पुलिस द्वारा बरामद की गई थी। इधर ट्रायल के दौरान पुलिस ने बताया कि उनके पास पेन ड्राइव नहीं है। इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। निवेदन किया गया है कि, हाई कोर्ट पुलिस को निर्देशित करें कि वह कमलनाथ से पेन ड्राइव वापस प्राप्त करें, क्योंकि वह पेन ड्राइव एक आपराधिक गतिविधि में एविडेंस है, और कोई भी मुख्यमंत्री किसी भी मामले का एविडेंस अपने पास नहीं रख सकता है।