मध्य प्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय द्वारा, उसके द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई में, किसी शिक्षक को अतिशेष माना जाएगा और यदि किसी शिक्षक ने काउंसलिंग में भाग नहीं लिया तो उसके साथ क्या किया जाएगा। इत्यादि FAQs में स्थिति स्पष्ट करने के लिए मंत्रालय द्वारा गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
MPTWD NEWS - सबसे पहले स्कूलों की लिस्ट बनाओ
मध्य प्रदेश जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय से जारी आदेश में बताया गया है कि, विभागीय शिक्षण संस्थाओं में स्वीकृत शैक्षणिक पदों के अनुरूप पदस्थापना सुनिश्चित करने के लिये युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही किया जाना है। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत ऐसी शालाओं का चिन्हांकन किया जाना है जो शिक्षक विहीन है अथवा जहाँ पर स्वीकृत पदों के विरूद्व अतिशेष मे शिक्षक कार्यरत है। ऐसे विभागीय माध्यमिक विद्यालय/हाईस्कूल/उमावि में विषयमान से एवं प्राथमिक शालाओं में दर्ज छात्र संख्या के आधार पर स्वीकृत / आवश्यक पदों से अधिक शिक्षक पदस्थ है तथा जहां पर विषयवार शिक्षकों की कमी है। अतिशेष एवं कमी वाली शालाओं का चिन्हांकन किया जाकर सूची जिला कार्यालय में चस्पा की जावेगी। पद संरचना शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निर्धारित की जाएगी।
स्कूल का अतिशेष शिक्षक किसको माना जाएगा
स्कूल में पोस्टिंग की तारीख से सबसे सीनियर शिक्षक को अतिशेष मानते हुए हटाया जाएगा। सबसे पहले अध्यापक संवर्ग की वरिष्ठ शिक्षक को अतिशेष मानते हुए हटाया जाएगा और उसके बाद शिक्षक संवर्ग के शिक्षक को हटाया जाएगा। काउंसलिंग में भाग नहीं लेने वाले अतिशेष शिक्षकों को किसी भी रिक्त स्थान पर प्रदर्शित किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के बाद किसी भी स्कूल में एक भी शिक्षक अतिशेष नहीं होना चाहिए। यदि कोई अतिशेष शिक्षक पाया जाता है तो उसके वेतन आहरण पर रोक लगा दी जाएगी। निकाय के बाहर कोई भी पदस्थापना नहीं की जा सकेगी।
पदस्थापना के लिए प्राथमिकता का क्रम क्या होगा
पदस्थापना के तहत अतिशेष शिक्षको को अन्य शालाओं में पदस्थ करने में प्राथमिकता के क्रम निम्नवत रहेगा :- वरिष्ठता एवं विषयमान के आधार पर अतिशेष शिक्षकों के आधार पर अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना निम्न क्रम में की जायेगी :-
1. पुरूष
2. महिला
3. ऐसे पुरूष शिक्षक जिनकी सेवानिवृत्ति में एक वर्ष से कम का समय शेष है।
4. ऐसी महिला शिक्षक जिनकी सेवानिवृत्ति में एक वर्ष से कम का समय शेष है।
5. पति-पनि दोनो शासकीय सेवा में कार्यरत रहने पर।
6. विधवा अथवा वैधानिक तलाकशुदा महिला शिक्षक।
7. निःशक्त कोटे के अंतर्गत नियुक्त पुरूष शिक्षक।
8. निःशक्त कोटे के अंतर्गत नियुक्त महिला शिक्षक।
9. कैंसर, ब्रेन ट्युमर, गुर्दा प्रत्यारोपण ओपन हार्ट अथवा बायपास सर्जरी एंव पेरालिसिस ग्रसित पुरूष शिक्षक।
10. कैंसर, ब्रेन ट्युमर, गुर्दा प्रत्यारोपण ओपन हार्ट अथवा बायपास सर्जरी एंव पेरालिसिस ग्रसित महिला शिक्षक।
यदि समान स्थिति बन गई तो अतिशेष मानने का अंतिम विकल्प क्या होगा
यदि प्राथमिकता क्रम में एक से अधिक एक ही श्रेणी के कर्मचारी आवेदक है तो जिसकी उम्र कम है उसे अतिशेष मानकर हटाया जायेगा। प्रत्येक बिंदु में पहले अध्यापक संवर्ग को एवं उसके पश्चात् शिक्षक संवर्ग को विचार में लिया जाएगा। उपरोक्त (1 से 10 तक) के अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना अन्य शालाओं मे रिक्त स्थानों पर उनके द्वारा दिये गये 05 विकल्प के आधार पर उपरोक्त प्राथमिकता के विपरित क्रम में पदस्थापना की जायेगी।
विकल्प नही देने पर शिक्षक विहीन एवं एक शिक्षकीय शालाओं में प्राथमिकता के विपरीत क्रम में पदस्थापना में वरीयता आधार पर पदस्थापना की जायेगी।
युक्तियुक्तकरण के आदेश कौन जारी करेगा
सक्षम स्तर :- अतिशेष शिक्षकों के आदेश जिला अंतर्गत पदस्थापना सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य के प्रस्ताव अनुसार जिला कलेक्टर के अनुमोदन उपरांत सहायक अध्यापक अध्यापक तथा वरिष्ठ अध्यापकों को जिला पंचायत क्षेत्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत/आयुक्त नगर पालिका निगम/मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिपद / नगर पंचायत द्वारा तथा शिक्षक संवर्ग के सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य द्वारा आदेश जारी किये जायेगे।
अपील एवं निराकरण कहां होंगे
युक्तियुक्तकरण के लिये निर्धारित इस नीति के किसी प्रावधान का पालन नहीं करते हुये यदि युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही की गई है तो जिला अंतर्गत पदस्थापना के विरूद्ध अपील जिला कलेक्टर को प्रस्तुत की जायेगी तथा जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से इसका निराकरण किया जायेगा। नीति में उल्लेखित प्रावधान से पृथक किसी विन्दु को लेकर यदि अपील की जाती है तो इस प्रकार की अपील पर विचार नही किया जायेगा।
अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण - अन्य शर्ते
जिन संविदा शाला शिक्षकों एवं गुरूजी का अभी भी अध्यापक संवर्ग में संविलियन नही हुआ है ऐसे संविदा शाला शिक्षक तथा गुरूजी के पद स्थानांतरणीय नही है। अतः पदस्थापना की यह नीति उनके संबंध में लागू नही होगी।
जिन सहायक अध्यापको का अभी भी प्राथमिक शिक्षक संवर्ग में संविलियन नही हुआ है उनके संबंध में म.प्र.शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अधिसूचना दिनांक 09/08/2016 के अनुसार सहायक अध्यापक के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को नियुक्तिकर्ता अधिकारी घोषित किया गया है अतः सहायक अध्यापक की पदस्थापना अतिशेष होने की स्थिति में जनपद पंचायत अंतर्गत होने के स्थान पर जिला पंचायत अंतर्गत होगी।
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