NASA ने अंतरिक्ष में मिले ज्योतिर्लिंग का 3D विज़ुअलाइज़ेशन जारी किया, आप भी देखिए - Hindi News

Bhopal Samachar
अमेरिका की एजेंसी NASA द्वारा अंतरिक्ष के रहस्यों का पता लगाने के लिए हबल नाम का एक टेलीस्कोप अंतरिक्ष में भेजा गया था। सन 1995 में उसने एक ऐसी अद्भुत आकृति के छायाचित्र कैप्चर किया जिसमें से करोड़ों तारों का जन्म हो रहा था। नासा ने इस आकृति को "The Pillars of Creation" नाम दिया है। भारतीय शास्त्रों में ऐसी ही आकृति को ज्योर्तिलिंग कहा गया है। सन 2024 में नासा ने अंतरिक्ष में मिले इस ज्योतिर्लिंग का 3D विज़ुअलाइज़ेशन जारी किया है। 

ज्योतिर्लिंग के अद्वितीय रूप पर नासा के वैज्ञानिक मोहित

नासा द्वारा "The Pillars of Creation" की अलौकिक सुंदरता का बिल्कुल वैसा ही वर्णन किया जा रहा है जैसे भारत के प्राचीन ग्रंथो में ज्योतिर्लिंग का वर्णन किया गया है। Hubble के बाद नासा ने James Webb नाम के एक और टेलीस्कोप को इस अद्भुत आकृति के छायाचित्र लेने के लिए भेजा। Hubble बेहद पुराना टेलीस्कोप था और उसने ब्लैक एंड व्हाइट फोटो दिए थे। James Webb एक नया टेलीस्कोप है जिसने रंगीन फोटोग्राफी दिए हैं। अंतरिक्ष में स्थित इस ज्योतिर्लिंग के अद्वितीय रूप को देखकर नासा के वैज्ञानिक भी मोहित हो गए हैं। उन्होंने अब तक प्राप्त हुई जानकारी के आधार पर 3D विज़ुअलाइज़ेशन जारी किया है। 

The Pillars of Creation का 3D विज़ुअलाइज़ेशन कल्पना नहीं बल्कि डाटा पर आधारित

नासा की ओर से बताया गया है कि, यह अब तक की सबसे विस्तृत मल्टीवेवलेंथ मूवी है। जिसमें तीन स्तंभों को प्रदर्शित किया गया है। नासा के वैज्ञानिकों के कहना है कि यह सभी स्तंभ cool molecular hydrogen and dust से बने हुए हैं। अंतरिक्ष में यह विशाल संरचनाएं तीन प्रकाश वर्षों तक फैली हुई है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रस्तुत किया गया वीडियो कोई कलात्मक प्रस्तुति नहीं है बल्कि, Anna McLeod, associate professor at the University of Durham के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से प्राप्त डाटा पर आधारित है। 

अब विज्ञान के विद्यार्थी भी तारों के जन्म की प्रक्रिया समझ पाएंगे

Mark Clampin, Astrophysics Division director at NASA Headquarters in Washington का कहना है कि, इसके कारण ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ व्यापक हो रही है। उन्होंने कहा कि पिलर्स आफ क्रिएशन का क्षेत्र हमें new insights प्रदान करता है। इसके कारण ही हम समझ पाते हैं कि तारों का जन्म कैसे होता है। इस 3D विज़ुअलाइज़ेशन के कारण अब विज्ञान के विद्यार्थी भी तारों के जन्म के अद्भुत विज्ञान को समझ सकेंगे। 

The Pillars of Creation को ज्योतिर्लिंग कैसे कह सकते हैं

कृपया नोट कीजिए कि, जब यह ग्रंथ लिखे गए, तब पृथ्वी पर कोई जाति या संप्रदाय नहीं थे। भारत के प्राचीन ग्रंथो में एक आकृति को शिवलिंग, उसके निकट दूसरी आकृति को नाग देवता और उससे कुछ दूरी पर स्थित तीसरी आकृति को त्रिशूल कहा गया है। प्राचीन ग्रंथो में स्पष्ट लिखा है कि, ज्योतिर्लिंग से ही ब्रह्मांड का जन्म होता है। NASA के वैज्ञानिकों ने इस जानकारी की पुष्टि कर दी है। उन्होंने भी कहा है कि, The Pillars of Creation से करोड़ों तारों का नियमित रूप से जन्म हो रहा है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जिस प्रकार NASA के वैज्ञानिकों ने इस आकृति को The Pillars of Creation नाम दिया है ठीक उसी प्रकार प्राचीन भारत के वैज्ञानिकों ने इस प्रकार की आकृतियों को ज्योतिर्लिंग नाम दिया था। कृपया सभी आकृतियों को ध्यानपूर्वक देखिए। आप स्वयं कहेंगे कि इस आकृति के लिए "ज्योतिर्लिंग" सबसे उचित नाम है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 


विनम्र निवेदन🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। सामान्य ज्ञान और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में knowledge पर क्लिक करें।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!