NEET UG आरक्षण नियम विवाद पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के दो फैसले निरस्त - NEWS TODAY

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश NEET UG प्रवेश 2023-24 में आरक्षण नियमो को गलत ढंग से लागू किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में इंदौर तथा ग्वालियर हाईकोर्ट द्वारा पारित किए गए फैसलों को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त करते हुए पारित फैसलों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया है। उपरोक्त जानकारी देते हुए हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश के अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा दी गई।

याचिका में किस बात पर आपत्ति उठाई गई थी

श्री ठाकुर ने बताया कि, मध्य प्रदेश शासन द्वारा पहली बार 10% GS आरक्षण लागू किया गया था। उक्त आरक्षण को प्रत्येक वर्ग में होरिजेंटल रूप से लागू किए जाने का प्रावधान किया गया। उक्त आरक्षण को काउंसलिंग में गलत ढंग से लागू किया  गया। जिसमे अनारक्षित-GS की कट ऑफ 291 अंक, ओबीसी -GS 465, एस.सी.-GS 314, EWS -GS 428 अंक नियत किया जाकर, आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में एडमिशन नहीं दिया गया तब अनेक छात्रों ने इंदौर, ग्वालियर तथा जबलपुर हाईकोर्ट में अनेको याचिकाए दाखिल की गई। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह तो बड़ी गलती हो गई है

श्री ठाकुर के अनुसार, इंदौर तथा ग्वालियर बैच द्वारा दायर याचिकाओं को निरस्त करते हुए NEET UG काउंसलिंग में अपनाई गई प्रक्रिया को उचित करार दिया गया। हाईकोर्ट के उक्त आदेशों के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में SLP (C) 2111/2024, 2311/2024, 2312/2024 तथा 2285/2024 दायर की गई थी। उक्त याचिकाओं की सुप्रीम कोर्ट द्वारा, दिनांक 20/8/2024 को विस्तृत फैसला पारित किया जाकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों को निरस्त करते हुए काउंसलिंग में अपनाई गई प्रक्रिया को त्रुटि पूर्ण पाया तथा आपने फैसले में पूर्व में पारित सात फैसलों को रेखांकित करते हुए निर्देशित किया गया की काउंसलिंग में लागू आरक्षण नियमो को वेहद रूप से त्रुटिपूर्ण लागू किया गया है तथा उक्त प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस (प्रतिभावान्) छात्रों को अनारक्षित वर्ग में एडमिशन नहीं दिया गया है, जो गंभीर त्रुटि की गई है। 

गलती सुधारो और याचिकाकर्ताओं को MBBS डिग्री कोर्स में एडमिशन दो

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आपने फैसले में सौरभ यादव बनाम उत्तरप्रदेश राज्य, साधना दांगी बनाम मध्य प्रदेश राज्य सहित अन्य फैसलों को रेखांकित किया जाकर  स्पष्ट किया गया है कि आरक्षण नियमों को विधिवत लागू किया जाए तथा याचिकाकर्ता रामनरेश कुशवाहा, सचिन बघेल, तपया कुतवारिया, तमिया खान, मुश्कान खान, दीपक जाटव, विकास सिंह को MBBS 2024-25 में प्रवेश  दिया जाए।

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