मध्य प्रदेश की राजनीति में सबसे बड़ा नेटवर्क राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का है। RSS की कृपा और आशीर्वाद के कारण ही यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार निरंतर और स्थिर बनी हुई है। दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी के स्वयंभू संघचालक श्री दिग्विजय सिंह और तीसरे नंबर पर श्री शिवराज सिंह चौहान का नाम आता है परंतु आज की तारीख में यदि सबसे पावरफुल पोजीशन की बात करें तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय "समिधा" के बाद दूसरे नंबर पर " दादा का दरबार" B-6, चार इमली, भोपाल सबसे ज्यादा सुर्खियों में है।
दादा के दरबार में सबकी हाजिरी लगती है
मध्य प्रदेश की पॉलिटिक्स में दादा का अपना जलवा है। भारतीय जनता पार्टी का ऐसा कौन सा नेता है जिसने विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक कम से कम एक बार दादा के दरबार में हाजिरी ना लगाई हो। चुनाव का नतीजा कुछ भी रहा हो परंतु उसके कारण पावर में कोई कमी नहीं आई है। सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गज भी दादा के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं।
इतने सबके अलावा लोग भारतीय जनता पार्टी में आने से पहले और भारतीय जनता पार्टी से जाने से पहले दादा के दरबार की आज्ञा जरूर लेते हैं। जो लेता है वह अपनी पार्टी को इस्तीफा देने से पहले ही कैबिनेट मंत्री बन जाता है और जो नहीं लेता, वह पार्टी के भीतर घुटन का शिकार हो जाता है।
आज्ञा लेकर पार्टी से जाने वालों को दूसरी पार्टी में टिकट मिल जाता है और जो बिना आज्ञा लिए चले जाते हैं, उनके समर्थन में पूरा समाज भोपाल आकर प्रदर्शन क्यों ना करें, टिकट कंफर्म नहीं हो पता।
कुछ के फोटो क्लिक हो जाते हैं परंतु सूत्र बताते हैं कि ज्यादातर के फोटो क्लिक नहीं होते। खास तौर पर उद्योगपति, ब्यूरोक्रेट्स और राजनीति के लिए पर्दे के पीछे काम करने वाले चाणक्यों के समय कैमरे और दरवाजे सब बंद कर दिए जाते हैं।
डॉ नरोत्तम मिश्रा - राज्यसभा के सदस्य या भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष?
राज्यसभा चुनाव का ऐलान होते ही डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा हेडलाइंस में आ गए हैं। राज्यसभा चुनाव से संबंधित ऐसा कोई समाचार नहीं जिसमें दादा का जिक्र नहीं हो, लेकिन यहां पर अपना एक छोटा सा सवाल है। दादा राज्यसभा में जाएंगे या फिर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे। यह तो अपन को मालूम है कि, श्री अमित शाह ने तथास्तु कह दिया है। डॉक्टर मिश्रा जी कुर्सी पर रूमाल रख देंगे, वह उनकी हो जाएगी परंतु यह कैलकुलेट करना जरूरी है कि, नरोत्तम मिश्रा अपने लिए क्या चुनेंगे। मध्य प्रदेश में राज्यसभा के सदस्य को ताकतवर नहीं माना जाता। जबकि भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष यानी मुख्यमंत्री जितना ताकतवर और मुख्यमंत्री पद का दावेदार। ✒ उपदेश अवस्थी।
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