मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर राजधानी भोपाल में बेसमेंट में संचालित होने वाली कोचिंग क्लास और शैक्षणिक संस्थाओं के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई जारी है। आज टाइम इंस्टीट्यूट का बेसमेंट सील कर दिया गया। यहां बच्चों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी बनाई गई थी।
TIME Bhopal इंस्टीट्यूट ने बेसमेंट में लाइब्रेरी बना दी थी
एसडीएम आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में पुलिस और नगर निगम का फायर अमला मैदान में उतरा। एमपी नगर जोन-2 के कोचिंग संस्थानों में गुरुवार को मॉकड्रिल भी हुई। जांच के दौरान पाया गया की बिल्डिंग के बेसमेंट में टाइम कोचिंग इंस्टिट्यूट की लाइब्रेरी है। जहां पर बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। पिछले दिनों भोपाल के कई कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट सील कर दिए गए थे। शायद इसलिए प्रशासनिक कार्रवाई खत्म हो जाने तक, टाइम कोचिंग इंस्टिट्यूट की लाइब्रेरी में विद्यार्थियों को जाने से रोक दिया गया था। जब प्रशासन की टीम पहुंची तो लाइब्रेरी में कोई विद्यार्थी नहीं था परंतु यह भी स्पष्ट है की लाइब्रेरी विद्यार्थियों के लिए ही होती है। इसलिए प्रशासन की टीम द्वारा लाइब्रेरी को सील कर दिया गया।
कोचिंग वाले बेसमेंट में क्लासरूम क्यों बनाते हैं
भारत के सबसे आदर्श शिक्षकों में से एक श्री विकास दिव्यकीर्ति के कोचिंग संस्थान से लेकर भोपाल में महेंद्र सिंह की कौटिल्य एकेडमी तक सबके क्लासरूम, लाइब्रेरी या ऑफिस रूम, बेसमेंट में पाए गए हैं। सबसे बड़ा सवाल है की कोचिंग वाले बेसमेंट में क्लासरूम क्यों बनाते हैं। इसका सीधा सरल सिर्फ एक उत्तर है,"लालच"। बेसमेंट का किराया कम होता है। ज्यादा से ज्यादा फायदा कमाने के लिए विद्यार्थियों की जान को जोखिम में डालकर, तलघर में कक्षा लगा दी जाती है।
सिर्फ इतना ही नहीं है। भारत में जहां गोलगप्पे वाला भी ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार करता है वही कोचिंग क्लास वाले नगद फीस जमा करवाने पर जोर देते हैं।
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