केंद्र सरकार ने NPS का विरोध कर रहे कर्मचारियों के सामने UPS - यूनाइटेड पेंशन स्कीम का विकल्प प्रस्तुत किया है, जबकि कर्मचारी OPS की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को UPS अथवा NPS, दोनों में से किसी का भी चुनाव करने के लिए स्वतंत्र किया है। अब UPS को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी है।
राजस्थान में शिक्षकों को ना मंजूर
राजस्थान के शिक्षक संघ यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) को अस्वीकार कर रहे हैं और OPS को पुनः देशभर में बहाल करने की मांग की है। राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया में कहा कि संघीय सरकार ने भ्रमित करने के लिए पहले से जारी NPS का नाम बदलकर UPS कर दिया है। बोतल का लेबल बदला है, माल वही पुराना ही है। यह आन्ध्र प्रदेश सरकार की आश्वस्त पेंशन योजना (Assured pension scheme) की नकल है और यह केवल NPS में सुधार है, जो स्वीकार्य नहीं है।
राजस्थान के आरक्षित वर्ग की आपत्ति
कर्मचारियों का यह भी कहना है - केन्द्रीय सेवाओं में आरक्षित वर्ग के लोगों के लिए 40 वर्ष अधिकतम आयु सीमा है तो आरक्षित वर्ग के कई कर्मचारी हैं जो 40 वर्ष में नियुक्ति ही पा रहे हैं, ऐसे में 1 अप्रैल 2025 के बाद वे 60 वर्ष यानि 25 वर्ष सेवा में रहने से पूर्व सेवानिवृत्त हो जायेंगे, उन्हें UPS के अन्तर्गत मात्र 10 हजार रू0 की पेंशन मिलेगी जिससे जीवन यापन नहीं हो सकेगा।
बिहार में विरोध - काला पट्टी बांधकर सरकारी काम करेंगे
बिहार के कर्मचारी संघ ने इसे उल्टा-पुलटा पेंशन स्कीम (UPS) नाम दिया है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े कर्मचारी केंद्र सरकार से ओल्ड पेंशन स्कीम को हू-ब-हू लागू कराने की मांग कर रहें है। इससे नीचे इन्हें कुछ और नहीं चाहिए। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के नेताओं ने फैसला लिया है कि हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। यह जारी रहेगा। 2 सितंबर से 6 सितंबर तक कर्मचारियों का ब्लैक वीक की घोषणा की है। मूवमेंट से जूड़े कर्मी काला पट्टी बांधकर सरकारी काम करेंगे।
UPS - यूनाइटेड पेंशन स्कीम में क्या बुराई है
1. यूपीएस का विरोध करने की सबसे बड़ी वजह है कि कर्मचारियों और सरकार के अंशदान को जब्त करना। न्यू पेंशन स्कीम में दस फीसदी हिस्सा कर्मचारी का जमा हो रहा है और सरकार अपने हिस्से से कर्मियों को पेंशन फंड में 14 फीसदी राशि जमा कर रही है। रिटायरमेंट के वक्त यह राशि जोड़कर भुगतान की जाती है, जिसे यूपीएस में जब्त करने का प्रावधान किया गया है।
2. ओपीएस और एनपीएस में बीस साल की सर्विस लेंथ पर पेंशन का प्रावधान रहा है। यूपीएस में इसे 25 साल कर दिया गया है।
3. ओपीएस में सेवानिवृत के वक्त कर्मचारियों को जमा जीपीएफ की राशि मिलती थी। वहीं अब यूपीएस में रिटायरमेंट के वक्त एक कर्मी को कम से कम दस लाख रुपए का नुकसान है।
4. पेंशनधारी की उम्र 80 साल और 95 साल पूरा करने के बाद पेंशन राशि में इजाफा का प्रावधान नहीं होना।
5. पेंशनभोगी को पेंशन का हिस्सा नहीं बेच सकते। पुरानी पेंशन स्कीम में यह प्रावधान था। ओपीएस में कर्मियों को कुल पेंशन राशि को 40 फीसदी बेचने का प्रावधान था।
मध्य प्रदेश में UPS के लिए आंदोलन की तैयारी
मध्य प्रदेश में स्थित उल्टी है। यहां पर UPS लागू करवाने के लिए आंदोलन की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया है। भारी बारिश में मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में संगठन के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया कि वे कर्मचारी हित में UPS को प्रदेश में लागू करवाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। मप्र राज्य कर्मचारी संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की प्रथम बैठक राजधानी भोपाल में ठेंगड़ी भवन में भारी बारिश के बीच हुई। इसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम (MP Unified Pension Scheme) को प्रदेश के कर्मचारियों के लिये लागू करवाने हेतु चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हुई।
महाराष्ट्र में UPS लागू
जहां एक तरफ यूनाइटेड पेंशन स्कीम को लेकर बहस समर्थन और विरोध चल रहा है वही महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा एकीकृत पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। मंत्री परिषद की बैठक में योजना को मंजूरी दी गई। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शनिवार को यूनाइटेड पेंशन स्कीम का ऐलान हुआ था। इसके 24 घंटे के भीतर महाराज सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा इसे मंजूर कर लिया गया। 1 अप्रैल 2025 से महाराष्ट्र राज्य सरकार के शासकीय कर्मचारियों को UPS का लाभ मिलना प्रारंभ हो जाएगा।
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