Department of MSME, Government of Madhya Pradesh द्वारा CEDMAP (सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट मध्यप्रदेश) के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर नियुक्त की गई अनुराधा सिंघई को, निलंबित कर दिया गया है। 21 साल की लंबी और सक्सेसफुल प्रोफेशनल लाइफ के बाद CEDMAP में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर अनुराधा का कार्यकाल काफी चुनौतीपूर्ण रहा। हालांकि MSME की वेबसाइट पर अनुराधा का निलंबन आदेश अपलोड नहीं है। CEDMAP की अधिकृत वेबसाइट पर Mrs. Anuradha Singhai अभी भी Executive Director, CEDMAP प्रदर्शित हैं।
अनुराधा सिंघई को क्यों सस्पेंड किया गया
Department of Micro, Small & Medium Enterprises के सचिव एवं CEDMAP के पदेन अध्यक्ष डॉ नवनीत कोठारी ने अनुराधा सिंघई को सस्पेंड कर दिया है। उनके ऊपर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अधिकारियों के आदेश की अवहेलना की है। इससे पहले डॉक्टर नवनीत कोठारी ने अनुराधा सिंघई के कार्यकाल की जांच के आदेश दिए थे। जांच अधिकारी ने शिकायत की थी कि, अनुराधा सिंघई जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं। CEDMAP द्वारा पिछले 4 साल में संचालित की गई सभी गतिविधियों की जांच की जानी है। माना गया कि, अनुराधा द्वारा इन्वेस्टिगेशन को डिस्टर्ब किया जाएगा। इसलिए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। बताया गया है कि उन्होंने, डॉक्टर नवनीत कोठारी के डिसीजन को हाई कोर्ट में चैलेंज किया है और MSME मिनिस्टर श्री चैतन्य काश्यप से भी मुलाकात की है। समाचार लिखे जाने तक, विभागीय मंत्री एवं हाई कोर्ट द्वारा अनुराधा के आवेदन और याचिका पर कोई आदेश जारी नहीं किया गया था।
अनुराधा सिंघई का विवादों से रिश्ता
अनुराधा सिंघई की नियुक्ति जुलाई 2021 में, सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट मध्यप्रदेश की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर हुई थी। तब से लेकर अब तक उनके साथ कोई ना कोई विवाद चला रहा है। उनकी नियुक्ति के लेकर विवाद शुरू हो गया था। एमपी नगर पुलिस थाने में एक मामला भी दर्ज हुआ था। इसके अलावा भी उनके ऊपर कई आरोप लगे। हालांकि सभी मामलों के अंत में अनुराधा सिंघई को क्लीन चिट मिलती चली गई। एक इन्वेस्टिगेशन में यह भी साबित हुआ कि उनके खिलाफ साजिश की गई थी। हाई कोर्ट में चल रही एक मामले में जब अनुराधा के पक्ष में डिसिशन आया तो CEDMAP BHOPAL ऑफिस में जश्न मनाया गया। माना जा रहा था कि अब अब अनुराधा की प्रोफेशनल लाइफ में कोई प्रॉब्लम नहीं होगी लेकिन उनके अच्छे दिन ज्यादा समय तक नहीं चल पाए। श्री अंबरीश अधिकारी को उनके स्थान पर कार्यकारी संचालक नियुक्त कर दिया गया है। मामले की जांच सीएस धुर्वे कार्यकारी संचालक एमपीआईडीसी, भोपाल द्वारा की जा रही है।
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