मध्य प्रदेश शासन के लिए काम करने वाले सभी प्रकार के कर्मचारियों को 10 लख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस दिया जाएगा। "मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना" का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। बस कैबिनेट की मंजूरी बाकी है।
मध्यप्रदेश सरकार ने 2022 में चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियम संशोधित किए थे
मध्यप्रदेश सरकार ने अगस्त 2022 में चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियमों में संशोधन किया था। जिसके मुताबिक, राज्य शासन के कर्मचारियों को केंद्रीय स्वास्थ्य योजना (CGHS) में तय रेट के हिसाब से बीमारी के इलाज पर खर्च किया जाता है। उदाहरण:- लिवर ट्रांसप्लांट के लिए सरकार 4 लाख रुपए देती है। यह राशि भी पहले कर्मचारी को खर्च करना पड़ती है, बाद में जब वह बिल लगाता है तो भुगतान किया जाता है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए करीब 20 लाख रुपए तक का खर्च आता है।
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना
योजना का नाम मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना होगा। इसका लाभ प्रदेश के निगम-मंडल समेत राज्य सरकार के लिए काम करने वाले सभी 15 लाख कर्मचारी, पेंशनर्स के परिवारों को मिलेगा। इस योजना में कर्मचारियों के वेतन से सालाना 3 हजार से लेकर 12 हजार रुपए अंशदान काटा जाएगा और शेष राशि सरकार जमा कराएगी। खास बात यह है कि कर्मचारियों और उनके परिवार को इलाज की कैशलेस सुविधा होगी। योजना में कर्मचारियों के लिए सामान्य बीमारी में 5 लाख रुपए और गंभीर बीमारी में 10 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज की सुविधा देने का प्रावधान किया जा रहा है। जांच और इलाज के बाद शासकीय कर्मी अपने विभाग से रिफंड भी ले सकेगा।
कमलनाथ ने बनाया, शिवराज सिंह ने लटकाया था
वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना शुरू होने के बाद कर्मचारी संगठनों ने इसी तरह की योजना लागू करने की मांग शुरू की थी। कांग्रेस ने इसे अपने वचन पत्र में भी शामिल किया था। 2019 में कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा कराने और कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने योजना का प्रस्ताव बनाया था। इसमें बीमा राशि का कुछ हिस्सा कर्मचारियों से लेकर 5 लाख से 10 लाख रुपए तक कैशलेस उपचार कराया जाना था। फरवरी 2020 में इसका आदेश भी जारी हुआ था, लेकिन अगले महीने यानी मार्च में कमलनाथ सरकार गिर गई और एक बार फिर शिवराज सरकार सत्ता में आई। शिवराज सिंह ने अपने पूरे कार्यकाल में इस पर कोई काम नहीं किया।
कर्मचारी अभी भी संतुष्ट नहीं है
सातवां वेतनमान का लाभ मिलने के बाद अपनी योग्यता से कहीं अधिक वेतन प्राप्त कर रहे पुराने कर्मचारी इस योजना से भी संतुष्ट नहीं है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मी नारायण शर्मा कहते हैं कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2022 से चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियमों को संशोधित करने के बाद से अस्पतालों को केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में निर्धारित दरों के अनुसार ही भुगतान किया जाता है। उपचार के लिए सीजीएचएस की दरें बाजार दर से 60% तक कम हैं। ओपीडी में उपचार कराने पर एक बार में अधिकतम 2500 रुपए प्रतिपूर्ति मिलती है।
संविदा और आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने थैंक यू वोटिंग की थी
विधानसभा चुनाव 2023 से पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 4 जुलाई 2023 को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर संविदा कर्मचारियों के सम्मेलन को संबोधित किया था। इस दौरान सीएम ने संविदा सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और इस वर्ग के अन्य कर्मचारियों को आयुष्मान योजना का लाभ देने की घोषणा की थी। इसके बाद 22 जुलाई 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके आदेश जारी किए थे। एक भी कर्मचारी को योजना का लाभ नहीं मिला था लेकिन संविदा कर्मचारियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सिर्फ आदेश के आधार पर ही थैंक यू वोटिंग कर दी थी।
सूत्रों के मुताबिक, दीनदयाल स्वास्थ्य सुरक्षा परिषद, मध्यप्रदेश ने 9 जुलाई 2024 को इसकी स्वीकृति देते हुए राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और महिला बाल विकास विभाग से कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के आयुष्मान कार्ड बनना शुरू हो गए हैं क्योंकि आदेश पूर्व में जारी हो चुके हैं जबकि संविदा कर्मचारियों को लेकर फिलहाल प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।
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