यदि आम आदमी के मीटर के तार को चूहा काट जाए तब भी, उसे जेल का डर दिखाकर मनमाना बिल बना दिया जाता है लेकिन ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने स्वयं अरेरा कॉलोनी में कई करोड़पतियों को बिजली की सब्सिडी चोरी करते हुए पकड़ा, परंतु किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। बस पॉलिसी को बदल दिया गया है। जो चोरी अरेरा कॉलोनी वाले कर रहे हैं, वह किसी और को नहीं करने दी जाएगी।
गरीबों की सब्सिडी अमीरों को दी जा रही थी, खुद अपर मुख्य सचिव ने पकड़ा
मध्य प्रदेश में 100 यूनिट तक बिजली फ्री है। यह योजना अत्यंत गरीब लोगों के लिए है। पहले से एक बत्ती योजना कहा जाता था। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बदलकर 100 यूनिट बिजली फ्री कर दी थी। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने सोमवार, दिनांक 2 सितंबर 2024 को भोपाल शहर में अरेरा कॉलोनी के ई-1, ई-3 और ई-4 क्षेत्र में सब्सिडी का लाभ ले रहे घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के परिसरों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि नियम के विपरीत बड़े आवासीय परिसरों में एक से अधिक कनेक्शन लेकर सब्सिडी का फायदा लिया जा रहा है। इस उन्होंने नाराजगी जताते हुए संबंधित क्षेत्र के मीटर रीडरों से ऐसे कनेक्शनों को चिन्हित कराने के निर्देश दिए थे।
कार्रवाई करने की हिम्मत तक नहीं हुई
यह तो नहीं माना जा सकता कि, अरेरा कॉलोनी में करोड़पति लोगों के बंगलो के एड्रेस पर बिजली का बिल 100 यूनिट से कम आ रहा है, और बिजली कंपनी के किसी अधिकारी ने इस पर ध्यान तक नहीं दिया। भोपाल में हालात यह है कि यदि किसी मिडिल क्लास व्यक्ति का लगातार 2 महीने तक ₹2000 से कम बिल आ जाता है तो लाइन में मीटर टेस्ट करने चला आता है। यह भी नहीं माना जा सकता कि मीटर रीडिंग करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी ने अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी नहीं दी होगी। इसके बावजूद बिजली कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि यह बेहद बड़ा घोटाला है और इसकी जांच की जानी चाहिए। पता किया जाना चाहिए कि शासन को कुल कितने का नुकसान हुआ है।
अरेरा कॉलोनी वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया
यह मामला गरीबों के हिस्से की सब्सिडी की चोरी का है। शासन के साथ धोखाधड़ी का है। आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए था, लेकिन समाचार के लिखे जाने तक अरेरा कॉलोनी वाले करोड़पतियों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। हां ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने डिपार्टमेंट के अधिकारियों की एक मीटिंग ली। इसमें फाइनल किया गया कि, अरेरा कॉलोनी वाले जिस प्रकार से सब्सिडी की चोरी कर रहे हैं, वैसी चोरी मध्य प्रदेश में किसी और को नहीं करने देंगे।
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