BHOPAL SAMACHAR KISAN - मटर की अगेती किस्मों की बुवाई का उचित समय

Bhopal Samachar
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि सोयाबीन, मूंग, उड़द व मक्का की फसल की कटाई शुरू होन जा रही है। जिन क्षेत्रों में सोयाबीन- मटर-गेहूं या सोयाबीन-मटर - ग्रीष्मकालीन मूंग फसल चक्र का उपयोग किया जाता है, उन क्षेत्रों में मटर की अगेती किस्मों की बुवाई करें। मटर की उन्नत किस्में शीघ्र पकने वाली किस्में आर्किल, जवाहर मटर-3, पंत मटर-2, पीएसएम-5, काशीनंदिनी, काशी अगेती हैं। ये बुवाई के 60 से 65 दिन में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं।

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि इनकी बुवाई सितंबर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक करें। मध्य अवधि में पकने वाली किस्में बोनविले, काशी शक्ति, जवाहर मटर-4, मटर-3 आजाद हैं। ये बुवाई के बाद लगभग 85 से 90 दिन में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं। देरी से पकने वाली किस्में आजाद मटर-1, जवाहर मटर-2 हैं। ये बुवाई के बाद 100 से 110 दिन में पहली तुड़ाई के लिए तैयार होती हैं। मध्यम व देर से पकने वाली प्रजातियों की अक्टूबर के द्वितीय सप्ताह में बुवाई करें। बीज की मात्रा व उपचार... शीघ्र प्रजाति की बीज दर 100 से 120 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर, मध्यम व विलंब प्रजाति की बीज दर 80 से 90 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। बीज को बुवाई पूर्व फफूंदनाशक कार्बेन्डाजिम + मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति किलो बीज दर से उपचारित करें। उसके बाद राइजोबियम कल्चर 10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि खाद व उर्वरक अंतिम बखरनी के समय 15 से 20 टन प्रति हेक्टेयर अच्छी सड़ी गोबर खाद डालें व रासायनिक खाद यूरिया 40 किलोग्राम, सिंगल सुपर फास्फेट 375 किलोग्राम एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 50 किलोग्राम बुवाई के समय दें। खरपतवार नियंत्रण... मटर की बुवाई के 1-2 दिन के अंदर खरपतवारनाशक दवा पेंडामिथलीन 30 ईसी 3.33 लीटर प्रति हेक्टेयर घोल बनाकर छिड़कें। सब्जियों में समसामयिक सलाह... फूलगोभी / पत्तागोभी का अगस्त में डाला गया रोपा एक माह का हो गया हो तो उसे खेत में कतार से कतार दूरी 40 सेंटीमीटर और पौध से पौध की दूरी 30 सेंटीमीटर पर लगाएं। पालक की बुवाई का उपयुक्त समय सितंबर से नवंबर है। एक हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 40 किलोग्राम बीज, कतार से कतार दूरी 20 से 30 सेंटीमीटर व पौध से पौध की दूरी 5 से 10 सेंटीमीटर पर करें। गाजर की पूजा केसर व पूसा मेघाली अगेती किस्मों को सितंबर के अंतिम सप्ताह में बोएं। 

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