BNS 290 - भवन की मरम्मत या पुनर्निर्माण के समय लापरवाही पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान, जानिए

Bhopal Samachar
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और सरकार भी जनता के द्वारा चुनी जाती है। इसलिए सरकार की पूरी जिम्मेदारी है कि वह नागरिको की सभी तरह से सुरक्षा करे, चाहें नागरिक वह किसी भी प्रकार की मुसीबत में क्यूँ न हो। अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक सड़क पर बने अपने जर्जर मकान का पुनर्निर्माण नहीं करता है, जिससे आने जाने वाले व्यक्ति को खतरा उत्पन्न हो रहा हो या कोई व्यक्ति मकान को गिराते समय नागरिकों को खतरे में डालता है तब कानून ऐसे व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगा। जानिए:- 

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 290 की परिभाषा

किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण करना अर्थात किसी व्यक्ति द्वारा अपनी संपत्ति की देखभाल में लापरवाही बरतना, जिससे किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है या पहुंच सकता है या किसी भवन निर्माण आदि को गिराते समय किसी व्यक्ति को नुकसान या क्षति पहुंचने वालीं है, तब ऐसे कार्य में लापरवाही करने वाले व्यक्ति को BNS की धारा 290 के अंतर्गत दण्डित किया जाएगा। 

उदाहरण के लिए 
  1. यदि कोई व्यक्ति अपने मकान की मरम्मत नहीं कराता है और वह मकान गिर जाता है, जिससे पड़ोसी के मकान को नुकसान पहुंचता है, तो यह उपेक्षापूर्ण आचरण है।
  2. यदि कोई व्यक्ति अपने निर्माण को गिराने से पहले उचित सावधानी नहीं बरतता है और गिराने के दौरान किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है, तो यह उपेक्षापूर्ण आचरण है।
नोट:- इस प्रकार, धारा 290 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यक्ति अपनी संपत्ति की देखभाल में लापरवाही न बरतें और अन्य व्यक्तियों को नुकसान पहुंचाने से बचें।

THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023,SECTION 290 PROVISION OF PUNISHMENT

इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की डायरेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं होगी होगी लेकिन NCR लिखी जा सकती है एवं न्यायालय द्वारा उचित कार्यवाही कर आरोपी को जमानत पर छोड़ दिया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं यह समझौता योग्य नहीं है अर्थात्‌ राजीनामा नहीं किया जा सकता है।
इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या पांच हजार रुपये का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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