यदि कोई व्यक्ति किसी धर्म के प्रति अपमानजनक शब्दों का उपयोग करता है, या किसी धार्मिक प्रतीक या चिन्ह का अपमान करता है, या किसी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ का मजाक उड़ाता है तब ऐसा व्यक्ति किस कानून के अंतर्गत दण्डित किया जाएगा।
भारतीय न्याय संहिता,2023 की धारा 302 की परिभाषा
जो कोई किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के विमर्शित आशय से शब्द उच्चारित करेगा, या किसी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ का मजाक उड़ाएगा, या किसी धार्मिक प्रतीक या चिन्ह का अपमान करेगा, वह व्यक्ति BNS की धारा 302 के अंतर्गत दोषी होगा।
स्पष्टीकरण:-
- धार्मिक भावनाएं: किसी व्यक्ति की धार्मिक मान्यताओं, विश्वासों और पूजा-पाठ से संबंधित भावनाएं।
- विमर्शित आशय: जानबूझकर या सोच-समझकर किया गया कार्य या बयान।
- शब्द उच्चारित करना: मौखिक या लिखित रूप से किसी शब्द या वाक्य का उच्चारण करना।
नोट:- यह धारा किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने और उनकी रक्षा करने के लिए है।
THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023,SECTION 302 PROVISION OF PUNISHMENT
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर दर्ज नहीं होगी एवं लेकिन NCR लिखी जा सकती है। इस अपराध की सुनवाई कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं न्यायालय द्वारा ही आरोपी को जमानत पर छोड़ दिया जाता है एवं यह अपराध समझौता योग्य होते है अर्थात् इस अपराध में राजीनामा किया जा सकता है।
सजा:- इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम एक वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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