BNSS 38 - गिरफ्तार व्यक्ति को अपने अधिवक्ता से मिलने का अधिकार, कब होता है कब नहीं, जानिए

Bhopal Samachar
जब किसी आरोपी को पुलिस गिरफ्तार करती है तो उसे अपनी पसंद के वकील से विधिक सलाह लेने का कानूनी अधिकार प्राप्त होता है एवं पूछताछ के दौरान भी वकील को रखने का अधिकार होता है लेकिन वकील को संपूर्ण पूछताछ प्रकिया में साथ नहीं रखा जा सकता है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 38 की परिभाषा

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का अपनी पसंद के अधिवक्ता से मिलने का अधिकार कब रहता है जानिए:- 
1. गिरफ्तारी के तुरंत बाद।
2. पूछताछ के दौरान।
3. पुलिस अधिकारी को व्यक्ति को अपने अधिवक्ता से मिलने की अनुमति देनी चाहिए।
4. व्यक्ति को अपने अधिवक्ता का नाम और पता बताने का अधिकार है।

वकील से सलाह लेने का अधिकार कब नहीं रहता है:- 

1. यदि व्यक्ति की गिरफ्तारी आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित हो।
2. यदि व्यक्ति की गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हो।
3. यदि व्यक्ति की गिरफ्तारी किसी ऐसे अपराध से संबंधित हो जिसमें मृत्युदंड या उम्रकैद की सजा हो सकती है।
4. यदि पुलिस अधिकारी को लगता है कि अधिवक्ता से मिलने से जांच प्रभावित हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश:-

1. गिरफ्तार व्यक्ति को अपने अधिवक्ता से मिलने का अधिकार है।
2. पुलिस अधिकारी को व्यक्ति को अपने अधिवक्ता से मिलने की अनुमति देनी चाहिए।
3. व्यक्ति को अपने अधिवक्ता का नाम और पता बताने का अधिकार है। 
लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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