जब कोई न्यायालय किसी अपराध के आरोपों का विचारण करता है तो उसे अपराध को साबित करने के लिए बहुत से दस्तावेजों एवं चीजों की आवश्यकता होती है। तब वह आरोपी या गवाह या अन्य कोई व्यक्ति से समन के माध्यम से दस्तावेज माँगा सकते है। जानिए :-
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 94 की परिभाषा
उक्त धारा के अनुसार न्यायालय द्वारा दस्तावेज या अन्य चीज़ पेश करने के लिए समन तब भेजा जाता है जब किसी मामले की जांच या विचारण के दौरान किसी व्यक्ति से कोई दस्तावेज या चीज़ प्राप्त करना आवश्यक होता है।
समन किसे भेजा जाता है: -
- समन उस व्यक्ति को भेजा जाता है जिसके पास आवश्यक दस्तावेज या चीज़ है।
- समन किसी गवाह, आरोपी, या किसी अन्य व्यक्ति को भेजा जा सकता है जिसके पास आवश्यक दस्तावेज या चीज़ है।
समन कब भेजा जाता है:
- समन तब भेजा जाता है जब जांच अधिकारी या न्यायालय को लगता है कि किसी व्यक्ति के पास आवश्यक दस्तावेज या चीज़ है जो मामले की जांच या विचारण में महत्वपूर्ण है।
- समन जांच के दौरान या विचारण के दौरान कभी भी भेजा जा सकता है।
उदाहरण:
- यदि किसी मामले की जांच के दौरान जांच अधिकारी को लगता है कि किसी व्यक्ति के पास एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो मामले से संबंधित है, तो वह व्यक्ति को समन भेज सकता है और दस्तावेज पेश करने के लिए कह सकता है।
- यदि किसी मामले के विचारण के दौरान न्यायालय को लगता है कि किसी गवाह के पास एक महत्वपूर्ण चीज़ है जो मामले से संबंधित है, तो वह गवाह को समन भेज सकता है और चीज़ पेश करने के लिए कह सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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