मध्य प्रदेश के नीमच जिला चिकित्सालय में भर्ती हुए बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। 17 में से 6 बच्चों को आईसीयू में शिफ्ट किया गया। तीन बच्चों को उनके माता-पिता बेहतर इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में ले गए। इस प्रकार 17 बच्चे बीमार हुए जिनमें से 9 की स्थिति गंभीर है। एसडीएम लक्ष्मी गामड़ ने बताया कि सभी बच्चों को एंटीबायोटिक Ceftriaxone injection दिया गया था। पुलिस ने बॉक्स में बचे हुए इंजेक्शन जप्त कर लिए हैं।
Ceftriaxone injection के सैंपल जांच के लिए भेजे
नीमच एसडीएम लक्ष्मी गामड़ ने कहा, ड्यूटी स्टाफ ने सेफ्ट्रिएक्सोन इंजेक्शन के 50 वायल का बॉक्स खोलकर बच्चों को इंजेक्शन लगाया। ये एंटीबायोटिक इंजेक्शन सुबह-शाम दिया जाता है। आशंका है कि इंजेक्शन के नए बॉक्स में रखे वायल में गड़बड़ी हो सकती है। यह जांच के बाद ही कंफर्म हो पाएगा। इंजेक्शन के सैंपल को जांच के लिए लैब भेजा है। बीमार हुए सभी बच्चों की उम्र 13 वर्ष से कम है। एसडीएम का कहना है कि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।
Ceftriaxone injection लगते ही बच्चों की तबीयत बिगड़ गई
जिला अस्पताल के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार दिनांक 27 सितंबर 2024, रात 8 बजे बाद ड्यूटी पर आए नर्सिंग स्टाफ ने भर्ती सभी 26 बच्चों को सेफ्ट्रिएक्सोन इंजेक्शन लगाया था। थोड़ी देर बाद ही कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। वार्ड में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद एडीएम लक्ष्मी गामड़, एसडीएम ममता खेड़े, तहसीलदार संजय मालवीय, सिविल सर्जन महेंद्र पाटिल और टीआई पुष्पा चौहान पुलिस बल के साथ पहुंची।
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