भारत सरकार के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को सातवां वेतनमान और उसके ऊपर 50% महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसके बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों की एक बड़ी संख्या ऐसी है जो या तो भ्रष्टाचार में लिप्त है या फिर रिश्वतखोरी में। CVC REPORT - 2023 (केंद्रीय सतर्कता आयोग की वार्षिक रिपोर्ट) प्रमाणित करती है कि, कर्मचारियों के हितों के लिए संघर्ष करने वाले संगठन कर्मचारियों को देश के प्रति निष्ठा और जनता के प्रति प्रतिबद्धता सिखाने में ना-कामयाब साबित हुए हैं। इस समाचार को पढ़ते समय इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि यह केवल CENTRAL VIGILANCE COMMISSION को प्राप्त हुई शिकायतों के आंकड़े हैं। असली नंबर नहीं है क्योंकि ज्यादातर लोग तो शिकायत ही नहीं करते, और कई लोग CENTRAL VIGILANCE COMMISSION को शिकायत नहीं करते।
सबसे ज्यादा शिकायत है रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ
CENTRAL VIGILANCE COMMISSION ANNUAL REPORT 2023 के अनुसार सबसे अधिक 10,447 शिकायतें रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ की गयीं। यह नंबर कई बातों पर विचार करने के लिए मजबूर करता है। भारत में पिछले दिनों में मेंटेनेंस और डेवलपमेंट के नाम पर बड़ी संख्या में रेलवे ट्रैफिक को डिस्टर्ब करना और रेल एक्सीडेंट की घटनाओं में ध्यान खींचने वाली वृद्धि हुई है। क्या इसके पीछे रेलवे कर्मचारियों में बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार है। विचार तो करना पड़ेगा।
अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार
इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी के स्थानीय निकायों के कर्मचारियों के खिलाफ 7,665 शिकायतें मिलीं। स्थानीय निकायों में दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विभाग निगम, दिल्ली परिवहन निगम, दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, इंद्रपस्थ पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड, दिल्ली नगर निगम और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद शामिल हैं। इसके बाद दिल्ली सरकार के अन्य विभागों के 6638 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत हुई है। दिल्ली पुलिस राज्य सरकार के अधीन नहीं आता परंतु दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों की फील्ड पोस्टिंग दिल्ली राज्य में होती है। इसलिए यहां भी संगत का असर दिखाई दिया है। 5313 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत हुई है।
किस विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कितनी शिकायतें
- रेलवे कर्मचारी - 10447
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी - 7004
- आवासीय एवं शहरी मामलों के कर्मचारी - 4476
- कोयला मंत्रालय के कर्मचारी - 4420
- श्रम मंत्रालय के कर्मचारी - 3217
- पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारी - 2749
- केंद्रीय गृह मंत्रालय के कर्मचारी - 2309
- रक्षा मंत्रालय के कर्मचारी - 1861
- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के कर्मचारी - 1828
- दूरसंचार कर्मचारी - 1457
- केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के कर्मचारी - 1205
- सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कर्मचारी - 960
- ऊर्जा मंत्रालय के कर्मचारी - 930
- उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के कर्मचारी - 929
- कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कर्मचारी - 889
दाग अच्छे नहीं है, संगठन को काम करना चाहिए
यह जो नंबर दिखाई दे रहे हैं यह किसी एक कर्मचारी नहीं बल्कि कर्मचारियों के सकल समाज पर काला दाग है। इस रिपोर्ट (CENTRAL VIGILANCE COMMISSION ANNUAL REPORT 2023 यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं और DOWNLOAD भी कर सकते हैं।) के कारण समाज में समस्त कर्मचारियों के लिए एक सामान्य धारणा बनती है। ऐसे संगठन जो कर्मचारी के खेतों के लिए सरकार के साथ संघर्ष करते हैं, उन्हें कर्मचारियों में देश के प्रति निष्ठा और आम जनता के प्रति ईमानदारी एवं जवाबदेही, के लिए भी काम करना चाहिए।
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