हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश, जबलपुर द्वारा West Central Railway zone जबलपुर मंडल के चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर विनोद कोरी की जमानत निरस्त करके पुलिस को आदेश दिए हैं कि उसे गिरफ्तार करें। विनोद कोरी के खिलाफ रेलवे की महिला कर्मचारी द्वारा बलात्कार का मामला दर्ज करवाया गया है। 2 महीने जेल में रहने के बाद विनोद कोरी को जमानत मिल गई थी परंतु महिला कर्मचारी ने हाई कोर्ट को बताया कि, आरोपी अधिकारी विनोद कोरी द्वारा उस पर दबाव बनाया जा रहा है।
जमानत मिलने के बाद से लगातार पीछा कर रहा था
21 अप्रैल को जबलपुर के सिविल लाइन थाने में पश्चिम मध्य रेलवे के वेलफेयर इंस्पेक्टर विनोद कोरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। 29 अप्रैल 2024 को जेल भेजा गया। 4 जुलाई 2024 को हाई कोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी। स्पष्ट शब्दों दीजिए आरोपी, किसी भी प्रकार से पीड़ित महिला कर्मचारी से संपर्क नहीं करेगा। पीड़ित महिला कर्मचारी की ओर से अधिवक्ता निखिल भट्ट ने 28 अगस्त को हाईकोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट को बताया कि आरोपी विनोदी कोरी के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। लिहाजा, उसका तबादला जबलपुर से सागर कर दिया गया है। ये भी निर्देश हैं कि बिना सीनियर अफसर को बताए जबलपुर ना आए। इसके बाद भी उसका लगातार जबलपुर आना-जाना रहता है। रेप पीड़ित ने उसका पीछा करते हुए आरोपी के फोटो भी क्लिक किए हैं।
पुलिस थाने में भी शिकायत की थी
पीड़ित महिला कर्मचारी ने बताया कि 27 जुलाई को वह अपनी मां के साथ ऑटो से गढ़ा से घर आ रही थी। इस दौरान आरोपी विनोद कोरी अपने दोस्त के साथ बाइक से पीछा करता रहा। कई बार उसे रास्ते में रोक कर केस वापस लेने और बयान से मुकरने का दबाव भी बनाया। 27 जुलाई को ही मदन महल थाने में जाकर शिकायत भी की थी। पुलिस ने जब विनोद कोरी को थाने बुलाया, तो वह सफाई देने लगा।
फ्लैशबैक - घटना का विवरण
21 अप्रैल को पीड़ित युवती ने सिविल लाइन थाने में शिकायत की थी। इस दौरान बताया कि पिता रेलवे में जूनियर क्लर्क थे। साल 2022 में उनका देहांत हो गया था। रेलवे में उसी पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिलनी थी। चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर विनोद कोरी नौकरी के सबंध में डॉक्यूमेंट चेक करने घर आया। उसने दस्तावेज देखकर जल्दी जॉब मिलने की बात कही।
जैसा कहता हूं वैसा करो, नहीं तो नौकरी खतरे में आ जाएगी
जुलाई 2022 में रेलवे कर्मचारियों के साथ ट्रेनिंग के लिए जोधपुर सेंटर भेजा गया। उस दौरान विनोद कोरी भी साथ गया था। खाली समय में सभी कैमल राइड के लिए गए। इस दौरान विनोद कोरी मेरे पीछे यह कहते हुए बैठ गया कि दूसरे कैमल पर जगह नहीं है। मैंने झल्लाकर दूर रहने को कहा, तो उसने कह दिया कि ट्रेनिंग में आई हो। जैसा कहता हूं वैसा करो, नहीं तो नौकरी खतरे में आ जाएगी। यह सुनकर मैं सहम गई।
दो महीने बाद विनोद कोरी खाना खिलाने ले गया
ट्रेनिंग से लौटकर डीआरएम ऑफिस में जॉइन कर लिया। करीब दो महीने बाद एक बार फिर विनोद कोरी मुझे खाना खिलाने बरेला ले गया। खाना खाने के बहाने बहला-फुसलाकर कर होटल ले जाने लगा। मैंने आपत्ति जताई, तो विनोद ने कहा कि तुम्हारे ऑफिस से संबंधित कुछ जानकारी बतानी है। मैं उसकी बातों में आ गई।
रेल कार्यालय में तुम्हारी फोटो लग जाएगी
कमरे में जाते ही उसने अश्लील हरकत शुरू कर दी। जबरन गलत काम किया। मोबाइल से फोटो-वीडियो भी बना लिए। इसके बाद धमकी दी कि अगर किसी को बताया, तो फोटो वायरल हो जाएगी। फिर तुम नौकरी नहीं कर पाओगी। रेल कार्यालय में तुम्हारी अश्लील फोटो लग जाएगी। इसके बाद इन फोटोज को दिखाकर ब्लैकमेल करते हुए एक साल तक रेप करता रहा। हर बार वह बरेला के पास होटल में ले जाता।
शर्त रखी थी - गोवा चलो नहीं तो सोच लेना
पीड़ित ने कहा- एक दिन आरोपी विशाल ने शर्त रखी कि मेरे साथ गोवा चलो। ये आखिरी बार है। तुम्हारी सभी फोटोज वापस कर दूंगा। मार्च 2023 में आरोपी विनोद कोरी गोवा और कन्नूर ले गया, जिसकी बुकिंग उसने मेरे मोबाइल फोन से की। कारण- उसे डर था कि अपने मोबाइल से टिकट बुक करता है, तो परिवार और ऑफिस में जवाब नहीं दे पाएगा।
विनोद ने गोवा और कन्नूर में भी संबंध बनाए। गोवा से लौटकर कुछ दिन तक वह चुप रहा। हालांकि, इस बीच उसने मुझे कॉल किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं किया। मई 2023 में मदन महल स्टेशन पर ड्यूटी के दौरान विनोद ने मेरा हाथ पकड़ लिया। उसकी हरकतों से परेशान हो गई और शिकायत करने की ठान ली।
डीआरएम ऑफिस में लिखित शिकायत की
पीड़िने बताया कि जून 2023 में विनोद के खिलाफ शिकायत की। हालांकि, इसमें रेप के बारे में नहीं बताया। रेलवे ने जांच शुरू कर दी। विनोद को पता चला, तो फिर मुझ पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। 12 अप्रैल 2024 को विभागीय जांच के लिए विनोद कोरी डीआरएम ऑफिस आया था। उसी समय उसने मुझे रोका। मुझसे शिकायत वापस लेने के लिए कहा। बात नहीं मानने पर फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी।
परेशान होकर मां को बताई घटना
पिता के निधन के बाद मिली अनुकंपा नौकरी ही पीड़ित के परिवार का एकमात्र सहारा थी। परेशान होकर उसने मां को पूरी बात बता दी। इसके बाद 21 अप्रैल को मां के साथ सिविल लाइन थाने पहुंचकर उसने विनोद कोरी के खिलाफ शिकायत कर दी। यहां पुलिस ने जीरो पर कायमी कर मामला जांच के लिए बरेला थाना ट्रांसफर कर दिया था।
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