MP NEWS - पुलिस थाने में ब्राह्मण की शिखा उखाड़ी, जनेऊ तोड़ा, मऊगंज में तनाव की स्थिति

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश के नवगठित जिले मऊगंज में एक ब्राह्मण युवक को घर से उठाकर लाया गया। पुलिस थाने में उसे बेरहमी से पीटा गया। उसकी शिखा उखाड़ दी गई और जनेऊ तोड़कर फेंक दिया। उसका अपराध केवल इतना था कि वह एक विरोध प्रदर्शन में शामिल था। मऊगंज के ब्राह्मण समाज ने इस घटना के खिलाफ पुलिस अधीक्षक के सामने प्रदर्शन किया परंतु समाचार लिखे जाने तक घटना के समय थाने में मौजूद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। 

मध्य प्रदेश में ब्राह्मणों पर जाति आधारित प्रताड़ना

मध्य प्रदेश में ब्राह्मणों पर, जाति के आधार पर प्रताड़ना के मामले बढ़ते चले जा रहे हैं। इसकी शुरुआत सरकारी सिस्टम से हुई थी। सबसे पहले पॉलिटिक्स में ब्राह्मण जाति के कार्यकर्ताओं को योग्य होने के बावजूद पद नहीं दिए गए। स्पष्ट बताया गया कि ब्राह्मण होने के कारण पद नहीं दिया जा सकता। फिर सरकारी कर्मचारियों एवं आदिनाथ अधिकारियों को प्रताड़ित किया गया। जानबूझकर ब्राह्मण जाति की महिलाओं की नाइट ड्यूटी लगाइए। इसके बाद समाज में विभिन्न वर्गों द्वारा ब्राह्मण जाति के नागरिकों और विद्यार्थियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। यह सब कुछ तब हो रहा है जब सट्टा रोड भारतीय जनता पार्टी के प्रांतीय संगठन मंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा दोनों ब्राह्मण हैं। 

मऊगंज में ब्राह्मण का अपमान घटना का विवरण

शाहपुर के पहाड़ी गांव में रविवार को सड़क हादसे में एक शख्स की मौत हो गई थी। घटना के बाद नाराज परिजनों ने हत्या का आरोप लगाकर शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया था। पुलिस ने सड़क पर चक्का जाम के कारण करीब 40 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसमें पीड़ित युवक नरेंद्र मिश्रा भी शामिल था। पीड़ित युवक ने आरोप लगाया कि पुलिस उसे घर से उठाकर थाने ले गई। यहां पुलिस के साथ कुछ अन्य लोग मौजूद थे। थाना प्रभारी ने स्टाफ और अन्य लोगों के साथ मिलकर पाइप से पीटा। इससे उसे गंभीर चोटें आई। युवक ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप भी लगाया। इस दौरान शिखा उखाड़ दी और जनेऊ तोड़कर फेंक दिया। वहां एक डायल 100 का ड्राइवर और दो अन्य लोग सोनू खान और हारूल भी मौजूद थे। 

छोटे से चक्काजाम के लिए ऐसी पुलिस कार्रवाई बर्दाश्त नहीं: विधायक

मऊगंज से विधायक प्रदीप पटेल ने कहा, 'गिरफ्तार करना तो ठीक है, लेकिन उसके साथ जिस तरह से मारपीट हुई, चोटी काटी, जिन्होंने भी यह किया है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। गुंडे पकड़े जाते हैं, छूट जाते हैं। एक साधारण सा चक्काजाम हो गया, आपने मुकदमा कायम कर दिया, यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त के लायक नहीं है।'

पुलिस आरक्षक विवेकानंद यादव पर ब्राह्मण के अपमान का आरोप

मऊगंज एसपी रसना ठाकुर ने बताया कि नरेंद्र मिश्रा और उनके साथी आवेदन लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय आए थे। उन्होंने बताया कि शाहपुर थाने में पदस्थ आरक्षक विवेकानंद यादव ने उनके साथ मारपीट की और उनकी चोटी उखाड़ दी। फरियादी की शिकायत पर मारपीट का मेडिकल कराया गया है। पूरे मामले की जांच एएसपी अनुराग पांडे को सौंप दी गई है। वहीं मारपीट करने वाले आरक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

ना मामला दर्ज, न कोई और सस्पेंड

इस मामले में आरोपी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए। पुलिस थाने के सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग के आधार पर 24 घंटे में जांच पूरी हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। थाने में मौजूद दूसरे सभी पुलिस कर्मचारी और अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने पुलिस थाने के भीतर होते हुए अपराध को रोकने का काम नहीं किया। जबकि पुलिस होने के नाते यही उनका कर्तव्य है। एसपी मऊगंज ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है। जांच के नाम पर ब्राह्मणों का गुस्सा शांत करने की कोशिश की जा रही है। 

ब्राह्मण की शिखा उखाड़ना, हिंदू परंपराओं का अपमान: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मऊगंज की घटना पर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा- भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में पुलिसवालों की भर्ती की है या गुंडों की? शाहपुर में ब्राह्मण युवक पर पुलिस ने बर्बरता से हमला किया, जिसके बाद इन वर्दीवाले गुंडों ने ब्राह्मण भाई की चोटी उखाड़ी, जो न केवल अमानवीय कृत्य है, बल्कि हिंदू परंपराओं का भी अपमान है।

खबर का असर 

मऊगंज में ब्राह्मणों के प्रदर्शन के बाद आरक्षक विवेकानंद यादव को सोमवार रात को ही निलंबित कर दिया था। मंगलवार को राजधानी भोपाल के पत्रकारों द्वारा इस मामले में प्रश्न किए जाने के बाद शाहपुर थाना प्रभारी बीसी विश्वास को लाइन अटैच कर दिया गया। थाने का प्रभार एएसआई अजय पांडे को दिया गया है।  

पुलिस पर लगे आप निराधार है: पुलिस अधीक्षक 
एसपी रचना ठाकुर ने दावा किया है कि मामले की जांच के दौरान थाने के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे गए। इनमें साफ दिखाई दे रहा है कि शिकायतकर्ता की चोटी थाने में नहीं उखाड़ी गई थी।

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