भारत में ज्यादातर लोग अपनी जमा पूंजी को बैंक में FIXED DEPOSIT करते हैं परंतु अब एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो MUTUAL FUNDS में इन्वेस्ट करने लगा है। मार्केट में दो प्रकार के फंड्स होते हैं। Active funds और Passive funds, इनमें से एक्टिव फंड्स कई बार ज्यादा रिटर्न देते हैं फिर भी भारत में पैसिव फंड्स ज्यादा लोकप्रिय हैं। आईए जानते हैं कि भारत में Passive funds इतने लोकप्रिय क्यों हो गए हैं और इनमें अपने टोटल इन्वेस्टमेंट का कितना प्रतिशत इन्वेस्ट करना चाहिए।
Passive mutual funds की सबसे खास बातें
- Passive mutual funds को भारत में Index funds के नाम से पुकारा जाता है। इनमें फंड मैनेजर ज्यादा इंटरफेयर नहीं करता। केवल इंडेक्स को फॉलो करता है। इंडेक्स बढ़ेगा तो आपको फायदा होगा। इंडेक्स घटेगा तो आपको नुकसान होगा। रिकार्ड बताता है कि तमाम उतार चढ़ाव के बावजूद ओवरऑल इंडेक्स हर साल बढ़ जाता है। इंडेक्स का एक सिंपल कैलकुलेशन है जो लोगों को पसंद आता है।
- Passive mutual funds में फंड मैनेजर के खर्चे बहुत कम है। आपका पेमेंट का अधिकतम हिस्सा इन्वेस्ट कर दिया जाता है। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के मामले में यह एक बहुत महत्वपूर्ण बात है। आपका ₹1000 15 साल बाद एक लाख रुपये हो सकता है।
- Passive mutual funds में आपका पैसा केवल इंडेक्स वाली कंपनियों में ही लगाया जाता है। यानी वह कंपनियां जो बड़ी है, कई वर्षों से कारोबार कर रही है, बाजार में स्थापित है और सबसे ज्यादा मुनाफा दे रही है। इसलिए किसी भी दूसरे फंड्स की तुलना में पैसिव फंड्स में इन्वेस्टमेंट की सिक्योरिटी ज्यादा होती है। भारत के लोग अपने पैसे की सिक्योरिटी को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। भले ही रिटर्न कब मिले लेकिन खतरा नहीं होना चाहिए।
- Edelweiss Asset Management में Senior Vice President & Head - Product, Marketing, Digital and Corp Communication, निरंजन अवस्थी का कहना है कि, Passive mutual funds में इन्वेस्ट करके मुझे कभी भी उनकी समीक्षा करने की चिंता नहीं हुई। मैंने पिछले 15 सालों से अपने Passive mutual funds का विश्लेषण नहीं किया। हालांकि मैं अपने कुल इन्वेस्टमेंट का केवल 15% यहां पर इन्वेस्ट किया है।
- चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं mutual fund researcher संचित जैन का कहना है कि, यदि आप लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हैं और आप में इतनी हिम्मत है कि एक बार इन्वेस्ट करने के बाद आप बाजार की तरफ मुड़कर नहीं देखेंगे तो यह आपके लिए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट प्लान है, क्योंकि जब पूरे शेयर बाजार में गिरावट आती है तो Passive mutual funds की वैल्यू भी कम हो जाती है।
Passive mutual funds का चुनाव करते समय इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि फंड मैनेजर क्या फीस लेने वाला है। वह जितनी कम फीस लगा आपका उतना ही ज्यादा फायदा है, क्योंकि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के मामले में हर एक रुपए काफी महत्वपूर्ण होता है।