SHREE GANESHA INTERESTING FACTS 10 - श्री गणेश के बारे में रोचक जानकारियां, पढ़िए

Bhopal Samachar
भगवान श्री गणेश वास्तव में प्रकृति की शक्तियों का विराट रूप है। मुद्गल और गणेश पुराण में विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के 32 मंगलकारी रूप बताए गए हैं। इन 32 रूपों में वे बाल रूप में भी है, तो किशोर वाली ऊर्जा भी उनमें मौजूद है, ब्रह्मा, विष्णु, महेश की शक्ति भी उनमें समाहित है, तो सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा का रूप भी वही है। वह पेड़, पौधों, फल, पुष्प के रूप में सारी प्रकृति को खुद में समेटे हुए हैं, वे योगी भी हैं और नर्तक भी हैं। यानी जीवन के हर रूप का दर्शन श्री गणेश जी के 32 रूपों में हो जाता है। लक्ष्मी जी को पाने की चाहत तो सभी को होती है, तो गणपति जी के 32 रूपों में से "लक्ष्मी गणपति" रूप काफी प्रचलित है। तो चलिए आज 1 मिनट से भी कम समय भगवान श्री गणेश के "लक्ष्मी गणपति" रूप के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं। 

भगवान श्री गणेश की पूजन दीपावली पर क्यों की जाती है - WHY SHREE GANESHA WORSHIPPED ON DEEPAWALI

दीपावली पर माता लक्ष्मी के साथ-साथ श्री गणेश जी की भी पूजन की जाती है। इसका कारण यह है कि लक्ष्मी जी "धन की देवी" हैं और उनका वाहन उल्लू है- जो कि पाप का प्रतीक है। उल्लू को दिन में दिखाई नहीं देता बल्कि सिर्फ रात में ही दिखाई देता है। इसका अर्थ यह है कि जब मनुष्य के पास अपार धन संपत्ति आ जाती है तो उसकी मन पाप कर्मों में प्रवृत होने लगता है। इसीलिए हम दीपावली पर लक्ष्मी जी के साथ-साथ श्री गणेश जी की पूजा करके यह कामना करते हैं कि हमारे पास धन तो आए, लेकिन उसके साथ-साथ धन का सदुपयोग करने की बुद्धि भी आए। ताकि धन पाकर हम पाप कर्मों में प्रवृत ना हो जाए।  

भगवान श्री गणेश जी के लक्ष्मी गणपति रूप की विशिष्टताएं - SHREE GANESHA AS LAXMIGANPATI SPECIALITIES

अथ लक्ष्मीगणपतिध्यानम्॥ मुद्गलपुराणे॥
बिभ्रणश्शुकबइजापुरकामिलन्मनमाणिक्यकुंभमकुशा॥
नपाशाम् कल्पलताम् च काद्गविलासज्ज्योतिसुधानिर्जराः।
श्यामेनअत्तासरोरुहेण सहितं देवी द्वयं चाम्तिके।
गौरमगो वरदअनाहस्तासहितो लक्ष्मीगणेशोवतत्। गौरवर्णः।
लक्ष्मी गणपति रूप में गणेश जी बुद्धि और सिद्धि के साथ हैं। जिसमें उनके आठ हाथ हैं। अपनी पत्नियों सिद्धि (उपलब्धि) और रिद्धि (बुद्धि) को गले लगाते हुए। उनका रंग गोरा है। उनकी आठ भुजाएँ हैं। उनके हाथों में अनार, तलवार, मन्नत के पेड़ की लता, हाथी का अंकुश, तोता, पाश, रत्नपात्र है; उनका आठवाँ हाथ वरदान (वरद) देता है। श्री गणेश का यह रूप संदेश देता है कि समृद्धि को बनाए रखने के लिए प्रकृति को भी बचाना जरूरी है। तमिलनाडु के पलानी में गणेश जी के लक्ष्मी गणपति रूप का मंदिर है। 

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