भारतीय संस्कृति में रंगों का बड़ा महत्व है। प्रत्येक कार्य और विधि के लिए रंगों का निर्धारण किया गया है। ज्योतिष विज्ञान में भी रंगों के माध्यम से मनुष्यों के जीवन में परिवर्तन के उपाय का उल्लेख है। नवरात्रि के 9 दिन, नौ रंगो के लिए समर्पित है। हम आपको बताते की सन 2024 में नवरात्रि के 9 दिनों में कब कौन सा रंग प्रतिनिधित्व करेगा और उसका क्या भावार्थ होता है।
navratri 2024 colours
- Day 1 - Pratipada (Yellow) - Symbolizes joy and brightness, marking the beginning of Navratri.
- पहला दिन प्रतिपदा का पीला रंग - आनंद और प्रकाश का प्रतीक, के नवरात्रि के प्रारंभ का प्रतीक.
- Day 2 - Dwitiya (Green) - Symbolizes nature, growth, and fertility.
- दूसरा दिन - द्वितीय का हरा रंग - प्रकृति, जीवन, विकास और उर्वरता का प्रतीक।
- Day 3 - Tritiya (Grey) - Depicts harmony and tranquility, triumphing over gloom with composure.
- तीसरा दिन - तृतीया का ग्रे कलर - संतुलन, शांति, और धैर्य के साथ उदासी पर विजय का प्रतीक।
- Day 4 - Chaturthi (Orange) - Represents vigor and power, inspiring bravery and tenacity.
- चौथा दिन - चतुर्थी का नारंगी रंग - ऊर्जा, साहस, दृढ़ता, प्रबलता और शक्ति का प्रतीक।
- Day 5 - Panchami (White) - Stands for tranquility, purity, and serenity.
- पांचवा दिन - पंचमी का सफेद रंग - शुद्धता, पवित्रता, सत्य के प्रति निष्ठा और शांति का प्रतीक।
- Day 6 - Shashti (Red) - Symbolizes passion, love, and strength, all of which invoke the goddess' power.
- छंठवा दिन - षष्ठी का लाल रंग - जोश, जुनून, शक्ति एवं माता के प्रति प्रेम का प्रतीक। इसी दिन माता से शक्ति का आह्वान करते हैं।
- Day 7 - Saptami (Royal Blue) - Reflects tranquility and spiritual energy.
- सातवां दिन - सप्तमी तिथि का रॉयल ब्लू रंग - आध्यात्मिक ऊर्जा, ज्ञान की अनंत ऊंचाई का प्रतीक।
- Day 8 - Ashtami (Pink) - Symbolizes love, compassion, and world peace.
- आठवां दिन - अष्टमी तिथि का गुलाबी रंग - प्राणियों के प्रति प्रेम, करुणा, स्नेह और सद्भावना का प्रतीक।
- Day 9 - Navami (Purple) - Marks the final day of celebration with symbols of ambition, power, and spirituality.
- नौवां दिन - नवमी तिथि का बैगनी रंग - उत्सव, मनोकामना और प्रार्थना का प्रतीक।
नवरात्रि उत्सव में रंगों को कैसे शामिल करें
भारत में नवरात्रि के अवसर पर विभिन्न आयोजन मंडलों द्वारा माता की झांकी लगाई जाती है। गृहस्थ यानी परिवार के साथ रहने वाले लोग अपने घरों में घट स्थापना अर्थात कलश की स्थापना करते हैं। उपरोक्त नव रंगों का उपयोग माता की झांकी अथवा कलश के आसपास रंगोली और श्रृंगार के लिए किया जाता है। भक्तों से आग्रह किया जाता है कि, दिवस के अनुसार रंगों के कपड़े पहने। निर्धारित रंगों के फूलों का श्रृंगार करें। यह एक कलर थेरेपी भी है जिसे मेडिकल साइंस द्वारा भी मान्यता दी गई।
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