मध्य प्रदेश में दीपावली से पहले 28 लाख सोलर दीपक के लिए ऊर्जा का उत्पादन: मुख्यमंत्री ने बताया

Bhopal Samachar
दीपावली के ठीक 1 दिन पहले मध्य प्रदेश में मां नर्मदा के आंचल पर तैरते एशिया का सबसे बड़े 'फ्लोटिंग सोलर प्लांट' ने पूरी क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया है। इतनी बिजली का उत्पादन हुआ है कि 28 लाख सोलर दीपक लगातार 5 घंटे तक जलाए जा सकते हैं। कोई और होता तो सचमुच ऐसा ही करता और 28 लाख दीपक के बीच में बैठकर अपने फोटो वीडियो जारी करवाता परंतु मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बड़े ही सामान्य तरीके से इतनी महत्वपूर्ण जानकारी दी है। 

यह आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक उपलब्धि है: मुख्यमंत्री

सीएम डॉ मोहन यादव ने बताया कि, 'ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट' द्वारा आज से 278 मेगावाट की अपनी पूर्ण क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है। सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि, यह उपलब्धि 'ग्रीन ऊर्जा एवं ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता' की ओर मध्यप्रदेश का एक महत्वपूर्ण कदम है। ओंकारेश्वर में मां नर्मदा के आंचल पर तैरता यह 'फ्लोटिंग सोलर प्लांट' सोलर एनर्जी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक उपलब्धि है। कभी अंधेरे में डूबा मध्यप्रदेश आज बिजली के क्षेत्र में सरप्लस है; यह मध्यप्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से ही संभव हो पाया है। हम भविष्य में भी ऐसे नवाचारों को अपनाकर प्रदेश को 'रोशन प्रदेश, स्वर्णिम प्रदेश' बनाए रखने हेतु निरंतर कार्यरत रहेंगे। 

278 मेगावाट बिजली का कैलकुलेशन 

20 वाट/ सोलर दीपक X 5 घंटे = 100 वाट 
यानी, एक सोलर दीपक 100 वाट-घंटे बिजली खपत करेगा।
कुल उपलब्ध बिजली: 278 मेगावाट = 278,000,000 वाट।
278,000,000 वाट / 100 वाट-घंटे = 27,80,000 सोलर दीपक।
इसलिए, सिद्धांततः 278 मेगावाट बिजली से 27,80,000 बल्बों को 5 घंटे तक जलाया जा सकता है।


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