मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डीजे की तेज आवाज के कारण 13 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। इससे पहले सागर में डीजे की तेज आवाज के कारण मंदिर की कच्ची दीवार गिर गई थी। उल्लेखनीय है कि डीजे की आवाज से ज्यादातर लोगों की हार्टबीट बढ़ जाती है।
भोपाल में डीजे की आवाज के कारण 13 साल के बच्चे की मौत
13 वर्ष के बालक का नाम समर बिल्लोरे था। सेंड जोसेफ स्कूल में कक्षा 5 में पढ़ता था। घटना दिनांक 14 अक्टूबर को रात 8-9 बजे की है। घटना स्थल साईंबाबा नगर है। समर की मां क्षमा बिल्लौरे ने बताया कि, समर के जन्म के बाद उसके हार्ट में थोड़ी प्रॉब्लम थी, लेकिन इलाज के बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया था। घर के सामने से एक चल समारोह निकाला। बहुत तेज आवाज में डीजे बज रहा था। समर नाचने के लिए डीजे के पास चला गया। डीजे की तेज आवाज के कारण वहीं पर गिर गया। चल समारोह वालों ने ना तो डीजे की आवाज कम की और ना ही समर को अस्पताल लेकर गए बल्कि उसे बेहोशी की हालत में घर के सामने छोड़कर चले गए। हम उसे अस्पताल लेकर भागे, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी।
क्या डीजे की आवाज से किसी की मौत हो सकती है
डॉ अमित अग्रवाल बताते हैं कि, बच्चों के कान पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं इसलिए तेज आवाज के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए भी तेज आवाज बहुत खतरनाक होती है। इसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जो हार्ट अटैक, हार्ट फेल और मृत्यु का कारण बन सकता है। डीजे की तेज आवाज के कारण ज्यादातर लोगों को नींद की समस्या भी हो जाती है। यदि कान में इयर प्लग्स लगाकर लगातार म्यूजिक सुनाया जाए तो श्रवण शक्ति कम हो जाती है। कई बार लोग बाहरी भी हो जाते हैं। ऐसे लोगों को सिर दर्द और चक्कर आना आम बात है। डॉक्टर अग्रवाल कहते हैं कि, कई प्रकार की रिसर्च से स्पष्ट होता है कि डीजे अथवा आतिशबाजी की तेज आवाज के कारण लोगों के हार्ट फेल हुए हैं।
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